मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (24 नवंबर) देर रात अयोध्या में भगवान राम की 221 मीटर ऊंची प्रतिमा के निर्माण संबंधी प्रक्रिया को हरी झंडी दी। सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा, भगवान राम की मूर्ति 151 मीटर ऊंची होगी, इसके साथ प्रतिमा के ऊपर 20 मीटर ऊंचा छत्र और नीचे कुल 50 मीटर का आधार होगा। अवस्थी के अनुसार, मूर्ति पीतल धातु से बनाई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिमा के आधार के भीतर “आधुनिक संग्रहालय” बनाया जाएगा जिसमें अयोध्या का इतिहास प्रदर्शित होगा। इसके अलावा, “इक्ष्वाकु वंश” के इतिहास में राजा मनु से लेकर वर्तमान “राम जन्मभूमि” तक का इतिहास समाहित होगा।
प्रस्तावित म्यूजियम में भगवान विष्णु के सभी अवतारों के विवरण सहित “भारत के समस्त सनातन धर्म” के विषय में आधुनिक तकनीक पर प्रदर्शन की व्यवस्था की जाएगी। सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ”इस प्रतिमा के लिए उपयुक्त भूमि का चयन, मिट्टी का परीक्षण तथा विंड टनल टेस्टिंग समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया था। यह इस वक्त दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।
अयोध्या में रविवार (25 नवंबर) को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण की मांग के लिए ‘धर्म संसद’ का आयोजन करने वाली है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए, स्थानीय खुफिया इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है। रविवार को अयोध्या किले में तब्दील हो गया। पुलिस ने अयोध्या को आठ जोन और 16 क्षेत्रों में बांट दिया। राज्य के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, मुख्य सचिव(गृह) अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य की सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया।
इस मामले में, योगी आदित्यनाथ सरकार फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। एक तरफ, सरकार ने कहा है कि ‘राम भक्त’ अयोध्या में एकत्रित हो सकते हैं और धार्मिक रीति रिवाज कर सकते हैं, दूसरी तरफ सरकार ने पुलिस और जिला प्रशासन से अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एजंसी इनपुट्स के साथ