21 Years in J&K Jail: जम्मू कश्मीर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक शख्स को 21 साल जेल में केवल इस वजह से काटने पड़ों क्योंकि वो जमानती केस में रिहा होने के लिए बेल बॉन्ड नहीं भर सका। जम्मू की जेल से रिहा होने के बाद इस व्यक्ति ने अदालत में एक अपील दायर की है। उसका कहना है कि जीवन के 22 साल खराब करने के लिए उसे मुआवजा दिया जाए। फिलहाल उसकी गुहार पर कोर्ट सुनवाई करेगी। लेकिन ये मामला बेहद चर्चा में आ गया है।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जय प्रकाश नाम के शख्स के खिलाफ साल 2000 में केस दर्ज किया था। मामला आर्म्स एक्ट से जुड़ा था। लेकिन जमानती था। प्रकाश बेल बॉन्ड नहीं भर सका लिहाजा उसे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में भी माना कि प्रकाश ने जो अपराध किया वो एक पागलपन ही कहा जा सकता है। उसे जेल भेजकर वहां के अधीक्षक से कहा गया कि वो प्रकाश का मेडिकल चेकअप कराए। मई 2002 में एक और आदेश कोर्ट ने दिया। इसके मुताबिक कोर्ट ने कहा कि आरोपी क्रॉनिक मेंटल डिसीज से जूझ रहा है। लिहाजा जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज का मनोविज्ञान विभाग उसका उपचार करे। उसके बाद से ही प्रकाश जेल की सींखचों के पीछे बंद था। कोर्ट का कहना था कि प्रकाश का उपचार कराया जाए जिससे वो ट्रायल का सामना कर सके। कोर्ट का कहना था कि प्रकाश के उपचार के बाद उसका मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर उसे कोर्ट में हाजिर किया जाए।
प्रकाश 21 नवंबर 2022 को जेल से तब रिहा हुआ जब बनारस के शख्स सुदामा प्रसाद ने उसकी रिहाई के लिए 30 हजार के बेल बॉन्ड भरे। उसके बाद उसने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में मुआवजे के लिए केस डाला। हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट से सारे मामले का रिकार्ड मंगाकर यूटी प्रशासन को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई है।