जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है और पुलवामा हमले को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच होती तो तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को अपना इस्तीफा देना पड़ता और कई अधिकारी जेल जाते। सत्यपाल मलिक ने दावा किया कि हमले के तुरंत बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जानकारी दी थी और उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया।

राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, “चुनाव (2019 का लोकसभा) हमारे सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया था और कोई जांच नहीं हुई। अगर जांच होती तो तत्कालीन गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफ देना पड़ता। कई अधिकारी जेल में होते और एक बड़ा विवाद पैदा हो जाता। इन लोगों ने जांच नहीं कराई।”

मलिक ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में अपनी शूटिंग कर रहे थे। जब वह वहां से बाहर आए तो मुझे फोन आया, मैंने उनसे कहा कि हमारे सैनिक मारे गए हैं और वे हमारी गलती से मारे गए हैं। इस पर उन्होंने मुझे चुप रहने के लिए कहा और इस विषय पर बात नहीं करने को कहा।” इस दौरान, उन्होंने बिजनेसमैन गौतम अडानी के मुद्दे को लेकर भी पीएम मोदी को घेरते हुए आरोप लगाया, “इनके साथ के लोग अडानी हैं, जिन्होंने तीन साल में इतनी दौलत जमा कर ली कि देश के सबसे अमीर व्यक्ति हो गए।” उन्होंने लोगों से सवाल करते हुए कहा कि आप में से किसी की दौलत बढ़ी हो तो मुझे बताइए।

उन्होंने आगे कहा कि जब संसद में राहुल गांधी ने पूछा कि अडानी के पास ये 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए तो प्रधानमंत्री इसका जवाब नहीं दे पाए। मलिक ने दावा किया, “जब मैं गोवा का राज्यपाल था तो मैंने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री से की और नतीजा ये निकला की मुझे हटा दिया और उन्हें नहीं हटाया गया। इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि ये अपनी नाक के नीचे भ्रष्टाचार कराते हैं और उसमें इनकी हिस्सेदारी होती है और पूरी रकम अडानी को जाती है।”

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “जनता ही इस सरकार को हटा सकती है, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस बार चूके तो इसके बाद आपको वोट देने का मौका नहीं मिलेगा।” सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।