भारतीय जनता पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 17 राज्यों और चंडीगढ़ के अपने चुनाव प्रभारियों और सह-प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल किया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी सूची में कहा गया है, ”भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने लोकसभा चुनाव-2019 की दृष्टि से निम्नलिखित को विभिन्न प्रदेशों के लिए लोकसभा चुनाव प्रभारी/सह प्रभारी नियुक्त किया है।” लिस्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश में वी मुरलीधरन और सुनील देवधर बीजेपी के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी होंगे। असम में महेंद्र सिंह, बिहार में भूपेंद्र यादव, छत्तीसगढ़ में अनिल जैन, गुजरात में ओम प्रकाश माथुर, हिमाचल प्रदेश में तीरथ सिंह रावत, झारखंड में मंगल पाण्डेय, मध्य प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह और सतीश उपाध्याय, मणिपुर और नागालैंड में नलिन कोहली, ओडिशा में अरुण सिंह, पंजाब में कैप्टन अभिमन्यु, राजस्थान में प्रकाश जावड़ेकर और सुधांशु त्रिवेदी, सिक्किम में नितिन नवीन, तेलंगाना में अरविंद लिम्बावली, उत्तराखंड में थावरचंद गहलोत, उत्तर प्रदेश में गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा और चंडीगढ़ में कैप्टन अभिमन्यु चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी में शामिल हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी ने पूर्वोत्तर में कमल खिलाने वाले को दक्षिण की जिम्मेदारी दी है। सुनील देवधर के प्रभारी रहते पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी को खासी सफलता हाथ लगी थी। अब पार्टी ने उनकी तैनाती आंध्र प्रदेश में की है। वहीं, भूपेंद्र यादव को बिहार के प्रभारी बने रहेंगे। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए तीन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी है। यहां गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा के कंधों पर भाजपा का वोट बैंक साधने की जिम्मेदारी होगी। बता दें कि चुनाव में अभी वक्त है लेकिन मीडिया समूहों के द्वारा सर्वे सामने आने लगे हैं। पिछले दिनों एबीपी न्यूज और सी-वोटर के सर्वे में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन की सूरत में भाजपा का खेल बिगड़ने की संभावना जताई गई थी। सर्वे में महाराष्ट्र में भी बीजेपी को तगड़ा झटका लगने की संभावना जताई गई थी।
Bharatiya Janata Party appoints in-charge & co-incharge for 17 states and Chandigarh for 2019 Lok Sabha elections pic.twitter.com/qjrkZx58ct
— ANI (@ANI) December 26, 2018
बता दें कि बीते दिनों पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आने बाद बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। पार्टी ने तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हाथों बादशाहत गंवा दी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी 15-15 वर्षों से सत्ता में थी। माना जा रहा है कि राज्योंं के चुनाव नतीजों ने बीजेपी को नए सिरे से चुनावी रणनीतियां बनाने पर मजबूर किया है।