उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन और देश के अलग-अलग राज्यों में संभावित गठबंधनों की खबर से भाजपा की परेशानी बढ़ी हुई है। अब एक ऐसी खबर आयी है, जिससे भाजपा की परेशानी कई गुना बढ़ सकती है। दरअसल हिन्दुस्तान की एक खबर के अनुसार, भाजपा के 60 फीसदी सांसदों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। भाजपा को पार्टी में अपने अंदरुनी सूत्रों से मिले फीडबैक में यह जानकारी मिली है। खबर के अनुसार, नकारात्मक फीडबैक मिलने वाले सांसदों में भाजपा के कई बड़े नेता और मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व की मुश्किल ये है कि कई बड़े नेताओं और मंत्रियों का टिकट काट पाना संभव भी नहीं है।

भाजपा की दो दिन पहले ही दिल्ली में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी। इस बैठक में देशभर से भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली में जुटे और पार्टी नेताओं ने उन्हें आम चुनावों की तैयारी में जुट जाने का संदेश दिया। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पार्टी सांसदों को लेकर भी कार्यकर्ताओं की राय जानने की कोशिश की गई। जिसमें काफी सांसदों के कामकाज से कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की। इसके अलावा भाजपा ने अपने सोशल मीडिया और मीडिया प्रभारियों के साथ भी पार्टी सांसदों को लेकर चर्चा की। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी खुद इस बार नमो एप के जरिए एक सर्वे करा रहे हैं। इस सर्वे का मकसद भी पार्टी सांसदों के बारे में जनता की राय जानना है।

बता दें कि हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा को कई विधायकों के बारे में नकारात्मक फीडबैक मिला था। लेकिन पार्टी ने कई जगहों पर इस फीडबैक को दरकिनार करते हुए टिकट वितरण किया था। लेकिन इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा और पार्टी को अपने मजबूत गढ़ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवानी पड़ी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा आम चुनावों के दौरान टिकट वितरण में खासा ध्यान देने वाली है और मौजूदा कवायद उसी का हिस्सा है। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार बड़ी संख्या में सांसदों का टिकट काट सकती है। हालांकि भाजपा को इस बारे में भी होशियार रहना होगा कि पार्टी के फैसले से नाराज नेता विपक्षी पार्टियों का दामन ना थाम लें, क्योंकि इससे विपक्षी पार्टियां चुनावों के वक्त भाजपा के खिलाफ माहौल बना सकती हैं।