दिल्ली गैंगरेप में फांसी की सजा रुकवाने के लिए दोषियों ने अब नया पैंतरा चला है। गैंगरेप के तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय ने फांसी रोकने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं के वकील की तरफ से याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है।

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि एनआरआई और उनके संगठन इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। विभिन्न संगठनों की तरफ से याचिकाओं की प्रति मिली थी जिसमें कहा गया था कि इस मामले को इंटरनेशल कोर्ट के समक्ष उठाया जाना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली दिल्ली गैंगरेप एवं हत्याकांड के दोषी मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक मुकेश ने कोर्ट में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए क्योंकि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम. आर. शाह ने कहा कि मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है। पीठ ने कहा कि इस मामले में पुर्निवचार और सुधारात्मक याचिकाएं दोनों ही खारिज की जा चुकी हैं।

दोषी ने अनुरोध किया है कि चूंकि उसकी पुरानी वकील वृंदा ग्रोवर ने उसे गुमराह किया है इसलिए सुधारात्मक याचिका खारिज होने के दिन से अदालतों द्वारा पारित सभी आदेशों और राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को रद्द कर दिया जाए। वकील एम.एल. शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और वकील वृंदा ग्रोवर द्वारा इस मामले में किए गए ‘‘आपराधिक षड्यंत्र’’ और ‘‘धोखाधड़ी’’ की सीबीआई जांच की मांग की है।

निचली अदालत ने पांच मार्च को फिर से मौत का ववारंट जारी करते हुए चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे का वक्त तय किया।

(भाषा इनपुट के साथ)