2006 मालेगांव ब्लास्ट केस में मुंबई की एक अदालत ने आठ आरोपियों को बरी कर दिया है। जस्टिस वीवी पाटिल ने नौ आरोपियों को बरी किया, इनमें से एक की मौत हो चुकी है। बरी होने वालों में सलमान फारसी, शबीर अहमद, नुरुलहुदा दोहा, रईस अहमद, मोहम्मद अली, आसिफ खान, जावेद शेख, फारूक अंसारी और अबरार अहमद के नाम हैं। आरोप था कि ये ब्लास्ट में शामिल थे। शब्बीर 2015 में दुर्घटना में मारा गया था। मालेगांव धमाकों में 37 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे।
एनआईए ने मकोका कोर्ट में कहा था कि उसके पास इन नौ लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। हालांकि पिछले दिनों एनआईए ने अपने रूख में बदलाव किया था और आरोपों से बरी करने का विरोध किया था। बरी किए लोग धमाकों के आरोप में पांच साल तक जेल में रहे थे। 2011 में इन्हें जमानत दी गई थी। मालेगांव धमाकों की जांच शुरू में महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। एटीएस ने ही इन नौ लोगों को पकड़ा था। एटीएस ने कहा था कि ये लोग सिमी(स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से जुड़े हुए थे। इन्होंने लश्कर ए तैयबा की मदद से धमाकों को अंजाम दिया।