जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक 20 महीने की बच्ची पेलेट गन का शिकार हो गई। रविवार (25 नवंबर) को वह अपने घर के अंदर थी, तभी एक पैलेट से दाई आंख पर चोट लग गई। उसे तत्काल इलाज के लिए श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल के ऑपथैल्मोलॉजी डिपार्टमेंट (नेत्र विभाग) में लाया गया। यहां इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। उसकी एक आंख की रोशनी जा सकती है। दरअसल, रविवार की सुबह एक एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस झड़प में एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, 50 अन्य घायल हो गए थे। हिबा भी इसी दौरान घायल हो गई थी।
हिबा की मां मर्साला जान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बाहर जब झड़प हो रही थी तो वह अपने दो बच्चों के साथ घर के अंदर थी। उन्होंने आगे कहा, “हम घर के अंदर थे और बाहर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे थे। एक समय ऐसा हुआ जब मेरे पांच साल के बेटे ने सांस लेने में परेशानी की बात कही। इसके बाद मैंने अपने बच्चों को बाहर ले जाने का निश्चय किया। जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, तीन सुरक्षाकर्मियों ने सीधे हमारे उपर पेलेट गन से फायर किया।” यह परिवार शोपियां जिले के बाटागुंड के कपरीन में रहता है, जहां रविवार की सुबह एनकाउंटर हुआ था। घटना के बाद हिबा को शोपिया के एक अस्पताल में ले जाया गया और फिर यहां से उसे श्रीनगर रेफर कर दिया गया।
मर्साला जान ने कहा कि उसके हाथ भी पेलेट गन की वजह से जख्मी हो गए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने हिबा के चेहरे को बचाने के लिए उसके उपर अपना हाथ रख दिया। यदि मैंने ऐसा नहीं किया होता तो पेलेट की वजह से उसका चेहरा बिगड़ जाता।” हिबा के माता-पिता अपने बेटे के बारे में चिंतित हैं, जो अभी घर पर है। हिबा के पिता निसार अहमद ने शोपिया में रह रहे अपने संबंधियों को फोन कर कहा, “वे बेटे के चेहरे व शरीर के अन्य हिस्से को चेक कर लें। हो सकता है कि उसे भी पेलेट की गोली लगी हो।” निसार ने कहा, “मेरी पत्नी ने बेटे को दूसरी ओर धक्का दे दिया, जिसकी वजह से वह पेलेट से बच गया। मैं उपरवाले से यह दुआ करता हूं कि मेरी बेटी की आंखों में किसी तरह की परेशानी न हो।”