पांच साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी नौकरी के लिए करीब 2 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती की है। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में यह जानकारी दी है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में एक सवाल के बताया कि पिछले पांच साल में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए करीब दो लाख अभ्यर्थियों की भर्ती की गयी।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में कर्मचारी चयन आयोग और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 1,85,734 और 27,764 विज्ञापन निकाले थे और इसके आधार पर 1,74,744 एवं 24,836 अभ्यर्थियों की भर्तियां की गईं। रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है और आरोप लगाता रहा है कि रोजगार देने के मामले में यह सरकार फेल रही है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया संसद को बताया कि रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए अनेक योजनाएं चलाई गयी है। जिनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना आदि हैं।

विधानसभा चुनावों में भी छाया रहा था रोजगार का मुद्दा

केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए जवाब में कहा गया है कि 2017-18 से 2021-22 (कुल 2,133,498) तक एसएससी ने 1,85,734 रिक्तियों के विज्ञापन निकाले थे और यूपीएससी ने 27,764 रिक्तियों के निकाले थे। हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान रोजगार का मुद्दा छाया रहा था। सेना समेत विभिन्न क्षेत्रों में भर्ती के मुद्दे को विपक्ष ने उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की थी।

कुछ दिनों पहले, केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि मोदी सरकार के सात सालों के कार्यकाल में रोजगार के मोर्चे पर अच्छे आंकड़े सामने आए हैं। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2013-14 के बाद से अब तक रोजगार में 22 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। भूपेंद्र यादव ने कहा था कि परिवहन, शिक्षा, आतिथ्य, व्यापार समेत 9 क्षेत्रों में रोजगार में इजाफा हुआ है।