नम्मा मेट्रो का खंभा गिरने की घटना में अपनी पत्नी और बच्चे को खोने वाले शख्स की याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम (BMRCL) को नोटिस जारी किया है। इस मामले में 10 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई है। याचिकाकर्ता लोहितकुमार वी सुलाखे ने एक विशेष अनुमति याचिका में 10 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए दावा किया कि हादसा मेट्रो की लापरवाही के कारण हुआ था।
मामले के मुताबिक याचिकाकर्ता की 26 वर्षीय पत्नी तेजस्विनी एल सुलाखे और ढाई साल का बेटा विहान 10 जनवरी 2023 को बाइक से जा रहे थे तभी नागवारा के पास निर्माणाधीन मेट्रो लाइन का खंभा गिरने से उनकी मौत हो गई थी। मेट्रो ने लोहितकुमार को बताया था कि मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
75 हजार रुपये हर माह कमा रही थी तेजस्विनी
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की कोर्ट में लोहित कुमार ने कहा कि केवल 20 लाख रुपये का मुआवजा पर्याप्त नहीं है। मेट्रो की लापरवाही के कारण उसने अपने परिवार को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया। याचिका के अनुसार सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेजस्विनी प्रति माह 75 हजार 748 रुपये कमा रही थी।
याचिकाकर्ता बोला- अभी खरीदा है घर, 10 करोड़ का मुआवजा चाहिए
लोहित कुमार ने कहा कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है। मेट्रो प्रशासन की लापरवाही के कारण दो निर्दोष लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि तेजस्विनी परिवार में अकेली कमाने वाली थी। दंपती ने कुछ समय पहले ही लोन लेकर घर खरीदा था, इसीलिए 10 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई है।
अदालत ने दूसरे पक्ष को अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए नोटिस जारी करने के बाद मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी। याचिका में बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक, चीफ इंजीनियर और ऑपरेशन इंजीनियर, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधन निदेशक और परियोजना प्रबंधक को भी पार्टी बनाया गया है।