कुमार ने महाराष्ट्र के पुणे शहर में मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन का राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत करते हुए मतदाता पंजीकरण के बारे में जागरुकता फैलाने के वास्ते एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 1.80 करोड़ मतदाता 80 साल से अधिक आयु के हैं।
उन्होंने कहा, ‘आपको यह जान कर खुशी होगी कि मतदाता सूची में करीब 2.49 लाख मतदाता हैं, उनकी उम्र 100 साल से अधिक है। जब आप उनके साथ बातचीत करेंगे तो पाएंगे कि वे जीवन भर मतदान करते रहे हैं।’ उन्होंने रैली के बाद संवाददाताओं से कहा, इसके अलावा, 1.80 करोड़ मतदाता हैं जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है।
कुमार ने भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी की जक्रि करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मृत्यु से तीन दिन पहले डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान किया था। ‘यही जज्बा है।’ उन्होंने कहा, ‘सारांश संशोधन हर साल होता है, लेकिन इस साल हम एक बहुत ही केंद्रित गतिविधि कर रहे हैं और इसे आज पुणे से पूरे देश में शुरू कर रहे हैं।’
कुमार ने कहा, ‘इसका क्या मतलब है? देश में हर जगह और सबसे दूरस्थ राज्यों में, चाहे वह पहाड़ियां हों, तटीय रेखाएं हों, दुर्गम इलाके, रेगिस्तान, हर जगह हर एक नागरिक मतदाता के रूप में सूचीबद्ध हो सकता है और न केवल पंजीकृत होकर बल्कि अपने वोट से भी लोकतंत्र को मजबूत करता है।’ उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के विशिष्ट उद्देश्य से पुणे से विशेष सारांश संशोधन शुरू किया गया है।