लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच बने तनावपूर्व स्थिति को सामान्य करने के उद्देश्य से कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता की शुरुआत हुई है। यह वार्ता 16वें दौर की है। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर रिश्तों को सामान्य करने पर बात होगी। माना जा रहा है कि भारत देपसांग और डेमचोक मुद्दों के हल और शेष सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द से जल्द सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव डालेगा।
बता दें कि भारत का मानना रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर शांति आवश्यक है। न्यूज18 ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि चुशुल मोल्दो बैठक स्थल पर भारत की ओर से सुबह करीब साढ़े नौ बजे बातचीत शुरू होने वाली थी। सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शांति स्थापित करने के लिए बातचीत हो रही है।
इस बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता कर रहे हैं तो वहीं चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन नेतृत्व कर रहे हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच आखिरी दौर की बातचीत 11 मार्च को हुई थी। लेकिन उसमें कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका था।
इस नए दौर की वार्ता को लेकर खबर है कि भारतीय पक्ष देपसांग बुल्गे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान की मांग के अलावा शेष सभी संघर्ष वाले प्वाइंट पर जल्द से जल्द सैनिकों को हटाने के लिए दबाव डालेगा। बता दें कि पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बाली में हुई बातचीत में पूर्वी लद्दाख से जुड़े विवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठा था। भारत ने इस वार्ता में सीमा विवाद का जल्द समाधान करने की जरूरत बताई थी।
विवाद की शुरुआत: पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद 5 मई 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था। झड़प के बाद दोनों देशों ने भारी भरकम हथियारों के साथ ही पचास हजार से साठ हजार सैनिकों की तैनाती की।