केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को इक्वेटोरियल गिनी में बंधक बनाए गए तीन केरल के नागरिक सहित 16 भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में विजयन ने कहा कि 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय जल में गिनी नौसैनिक जहाज द्वारा नॉर्वे के एक जहाज को पकड़ा किया गया था।

पिनाराई विजयन ने पत्र में लिखा, “16 भारतीयों सहित 26 नाविकों को बंधक बनाया गया है। इनमें से तीन केरल के हैं। पोत को 14 अगस्त से अवैध रूप से रखा गया है।” विजयन ने अपने पत्र में लिखा कि जहाज के चालक दल किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं थे और उनका शिपिंग एजेंट नाविकों की रिहाई की सुविधा के लिए जुर्माना भरने के लिए तैयार था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिपिंग फर्म ने 28 सितंबर को जुर्माने का भुगतान किया, लेकिन जहाज और उसके चालक दल को अभी भी गिनी में गिरफ्तार करके रखा गया है। सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि सरकार नाविकों को मुक्त करने में अप्रत्याशित देरी से चिंतित है और आगे की देरी से उनका जीवन असुरक्षित हो सकता है।

इस बीच गिनी में हिरासत में लिए गए नाविकों में से एक विजित वी नायर ने वीडियो जारी कर कहा कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को एक कमरे में फेंक दिया गया था, जो सशस्त्र पुरुषों द्वारा संरक्षित है। केरल के कोल्लम के मूल निवासी नायर ने सरकारी हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि हम सभी को जहाज से ले जाया गया और एक कमरे में बंद कर दिया गया, जो बाहर से बंद है। सशस्त्र लोग बाहर पहरा दे रहे हैं।

वहीं इस पूरे मामले पर वहां मौजूद भारतीय दूतावास भी उन्हें छुड़ाने की कोशिश में लगा हुआ है। दूतावास ने सोमवार को एक बयान में कहा, “हम चालक दल के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में है। यह दूतावास और अबुजा में हमारा उच्चायोग एमवी हीरोइक इदुन के चालक दल के सदस्यों की शीघ्र रिहाई के लिए इक्वेटोरियल गिनी और नाइजीरिया के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”