देश के कई हिस्सों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। दिल्ली में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। रविवार शाम तक, जामिया मिलिया इस्लामिया के पास का इलाका दंगे जैसी स्थिति में बदल गया, दोपहर में छात्रों द्वारा ‘सामुदायिक मार्च’ शुरू किया गया। जैसे-जैसे स्थानीय लोग इस मार्च से जुडते गए मार्च में तेजी आई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र शुक्रवार से कैंपस में नए कानून का विरोध कर रहे हैं। भविष्य के पाठ्यक्रम को तय करने के लिए शनिवार को कैंपस के सभी प्रमुख छात्र संगठनों के सदस्यों के साथ एक ‘संयुक्त आम सभा’ का आयोजन किया गया।
रविवार को, दोपहर के तुरंत बाद, छात्रों ने नए कानून के विरोध में परिसर के आसपास के इलाकों के निवासियों को जुटाने के लिए एक ‘सामुदायिक मार्च’ में विश्वविद्यालय से बाहर जाना शुरू कर दिया। मार्च जाकिर नगर और बाटला हाउस के पास से होता हुआ शाहीन बाग की ओर बढ़ा। इसमें भाग ले रहे छात्रों ने इस कानून के खिलाफ नारे भी लगाए। जैसे-जैसे यह मार्च आगे बढ़ा, लोगो की संकया बढ़ती गई क्योंकि इलाकों के निवासी इसमें शामिल होने लगे।
दोपहर 2:30 बजे, 1,000 से अधिक प्रदर्शनकारी संसद तक मार्च करने के प्रयास में विश्वविद्यालय के गेट नंबर 12 से चले। विश्वविद्यालय की छात्र कार्यकर्ता अख्तरस्ता अंसारी ने कहा “जब हम सूर्या होटल पहुंछे तो हमने पाया कि मार्ग को बैरिकेड्स द्वारा बंद कर दिया गया है। इसलिए हम वापस लौट आए और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में माता मंदिर की ओर बढ़ गए।
शाम 6 बजे के आसपास सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास स्थानीय लोगों और कुछ छात्रों की भीड़ जमा हो गई, जिससे पुलिस को स्टेशन के गेट बंद करने को कहा गया। शाम 6.15 बजे तक, सुखदेव विहार से जामिया मिलिया इस्लामिया स्टेशन, जो कैम्पस के ठीक बाहर स्थित है, को प्रदर्शनकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया। जामिया मिलिया स्टेशन के फाटक भी बंद कर दिए गए और ट्रेनें रुक गईं।
लगभग 6:20 बजे, द इंडियन एक्सप्रेस ने देखा कि पुलिस कर्मियों ने विश्वविद्यालय के कम से कम पांच लोगों को बाहर निकाला और लाठी से पीटा। लगभग 6:45 बजे, एक पुलिस बस परिसर से रवाना हुई जिसमें बहुत सारे छात्र थे। शाम 7:00 बजे, लगभग 100 से अधिक छात्रों को अपराधियों की तरह हाथ ऊपर कर परिसर से बाहर निकाला गया। इन छात्रों ने बताया कि वे केंद्रीय पुस्तकालय में पढ़ रहे थे और पुलिस द्वारा उन्हें वहां से लाया गया था।