बीते दिनों देश के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर असहिष्णुता और मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा की थी और सरकार से इस दिशा में कड़े कदम उठाने की मांग की थी। इसके कुछ दिन बाद ही 62 अन्य बुद्धिजीवियों ने मॉब लिंचिंग और के मुद्दे पर लिखे गए खुले पत्र की आलोचना करते हुए पीएम मोदी को पत्र लिखकर सरकार के प्रति समर्थन जताया था। अब 14 अन्य हस्तियों ने भी पत्र लिखकर सरकार का समर्थन किया है।
ताजा पत्र को लिखने वाले लोगों में पद्मश्री सम्मानित इतिहासकार विष्णु पांड्या, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे कमलेश जोशीपुरा और कल्पक त्रिवेदी, पद्मश्री से सम्मानित कैंसर सर्जन देवेंद्र पटेल, वरिष्ठ पत्रकार तरुण दात्तानी और मशहूर नृत्यांगना स्मिता शास्त्री का नाम शामिल है। यह पत्र अहमदाबाद से भेजा गया है और विष्णु पांड्या ने इस पत्र की पुष्टि की है।
पत्र में कहा गया है कि 49 हस्तियों ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखकर देश के माहौल को खराब करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की है। पत्र के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री लगातार मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को कहा है कि ऐसी घटनाएं ना होने पाएं। अब ऐसी स्थिति में हमें लगता है कि क्या यह सही है कि बुद्धिजीवी या कलाकार इस तरह की नकारात्मक मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं?’
पत्र में मॉब लिंचिंग के मुद्दे को उठाने वाले बुद्धिजीवियों और कलाकारों पर पक्षपाती होने और समाज के एक पक्ष को खुश करने के उद्देश्य से लिखा गया है। पत्र के अनुसार, देश की जनता ने भी जनादेश के रुप में अपना जवाब दे दिया है। पत्र लिखने वाले 14 बुद्धिजीवियों ने कहा कि हम ना सिर्फ इसकी आलोचना करते हैं, बल्कि सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ पॉलिसी का भी समर्थन करते हैं।
बता दें कि मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर पत्र सामने आने के बाद 62 अन्य हस्तियों ने सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को नक्सलवाद, आदि मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाया था। इन 62 हस्तियों में कंगना रनौत, मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री और प्रसून जोशी जैसे लोग शामिल हैं।
