ठाणे के नौपाड़ा इलाके के बी केबिन परिसर में सोमवार की रात करीब पौने दो बजे पचास साल पुरानी एक इमारत धराशाई हो गई। इस हादसे में 12 लोग मारे गए जबकि सात अन्य घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटनास्थल पर बचाव और राहत कार्य मंगलवार देर शाम तक शुरू था।
ठाणे के बी केबिन इलाके में जमींदोज हुई कृष्णा निवास महानगरपालिका खतरनाक इमारतों की सूची में थी और इसमें रहनेवाले ज्यादातर परिवार इमारत छोड़ चुके थे। पांच परिवार मंगलवार को इमारत गिरने के समय अंदर थे। हादसे में सात से 62 साल की उम्र के 12 लोग मारे गए जिनमें महिलाएं और एक सात साल की बच्ची भी थी। सात घायलों का इलाज चल रहा है।
अग्निशमन दल, एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) और ठाणे महानगरपालिका के लगभग 50 कमर्चारी घटनास्थल पर पहुंच कर राहत कार्य में जुटे हुए हैं। ठाणे के ठाकुर्ली में तकरीबन हफ्ता भर पहले भी मातृछाया नामक एक खस्ताहाल इमारत गिरी थी, जिसमें 9 लोग मारे गए थे।
जमीन के मूल मालिक ने 15 साल पहले इस इमारत की जगह नई इमारत बनाने का निर्णय लिया था। मगर मालिक और इमारत में रह रहे लोगों के बीच विवाद पैदा हो गया। इसलिए नई इमारत बनाने का काम नहीं हो पाया था।
दुर्घटना के बाद जिले के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे और जिला अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जीतेंद्र आव्हाड ने ठाणे में क्लस्टर डेवलपमेंट की जरूरत बताते हुए कहा कि शिव सेना-भाजपा के नेता सत्ता में आने के बाद इस मसले पर चुप्पी लगाकर बैठे हैं, जिसके कारण पुरानी इमारतों का क्लस्टर डेवलपमेंट नहीं हो पा रहा है।