महामारी से ज्यादा बेगारी ने कहर बरपाया। इसका असर आने वाले समय में दिखा। वर्ष 2021 में बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों, स्वरोजगार से जुड़े लोगों, बेरोजगारों और कृषि क्षेत्र से संबंधित लोगों ने आत्महत्या की। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।
लोकसभा में मंगलवार को इस आंकड़े की जानकारी दी गई। जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 कोविड-19 महामारी का वर्ष था। ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 2021 में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की।देश में साल 2021 में प्रतिदिन औसतन 115 दिहाड़ी मजदूरों और 63 गृहिणियों ने आत्महत्या की।
इस दौरान पूरे देश में आत्महत्या के 1,64,033 मामले दर्ज किए गए। लोकसभा में सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली है। लोकसभा में डा. मोहम्मद जावेद के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में 23179 गृहिणियों, 15870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, 1898 सरकारी सेवकों, निजी क्षेत्र के उद्यमों से जुड़े 11431 लोगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2541 कर्मियों ने आत्महत्या की।
इसमें बताया गया है कि पिछले वर्ष 13089 छात्रों, 13714 बेरोजगार व्यक्तियों, 4532 फुटकर कारोबारियों, 3633 दस्तकारों तथा कृषि क्षेत्र के 10881 लोगों ने आत्महत्या की।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 5318 किसानों के अलावा खेतिहर मजदूरों की सहायता से या उनके बिना अपनी जमीन पर खेती करने वाले 4806 लोगों, खेतिहर मजदूरों की सहायता से या बिना पट्टे की जमीन पर खेती करने वाले/पट्टे पर/दूसरे की जमीन पर काम करने वाले 512 लोगों ने आत्महत्या की। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 42004 दिहाड़ी मजदूरों तथा 1518 सेवानिवृत्त व्यक्तियों ने आत्महत्या की।