गुजरात में बीते दो साल में एक लाख किलोग्राम से अधिक गोमांस जब्त किया गया है। विधानसभा में सोमवार (2 मार्च, 2020) को यह जानकारी दी गई। यह जानकारी सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस को 2017 में लाए गए संशोधित गोहत्या कानून के प्रभाव को लेकर सवाल खड़े करने का मौका मिल गया। गौरतलब है कि संशोधित गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम में गाय या गोवंश की हत्या के लिये अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
राज्य के गृह विभाग ने प्रश्न काल के दौरान कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में 2018 और 2019 में 1,00,490 किलो गोमांस जब्त किया गया है। विभाग के अनुसार सबसे अधिक 55,162 किलो गोमांस सूरत से बरामद किया गया। इसके बाद अहमदाबाद से 18,345 किलो और दहोद से 5,934 किलोग्राम गोमांस बरामद हुआ। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक की ओर से उठाए गए सवालों पर राज्य के मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय रूपाणी ने सदन को बताया कि 3,462 गायों और गोवंशों जैसे बैलों एवं बछड़ों को आरोपियों के पास से जीवित छुड़ाया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शैलेश परमार ने कहा कि भाजपा सरकार गाय के नाम पर केवल राजनीति कर रही है। परमार ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि (2017 का) कानून प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है। यही वजह है कि बीते दो वर्षो में एक लाख किलो से अधिक गोमांस जब्त हुआ है। आप गाय के नाम पर केवल राजनीति कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हाल में गोमांस ले जाते हुए पकड़ा गया वाहन भाजपा नेता से जुड़ा है क्योंकि उस पर पार्टी के प्रतीक चिन्ह का स्टीकर लगा हुआ था।
इस पर गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि विपक्ष तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह दुखद है कि विपक्ष इस मुद्दे पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है। क्या आप आरोपी को बचाना चाहते हैं? आप गायों के साथ हैं या उनके हत्यारों के साथ? वाहन पर भाजपा का स्टीकर लगा मिलना पार्टी को बदनाम करने की साजिश है।’