Public Sector Banks Merger List 2019: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 अगस्त को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने 10 बैंकों को मिला कर चार बैंक बनाए जाने का ऐलान किया। यह ऐलान अमल में आने के बाद पब्लिक सेक्टर बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। 2017 में यह संख्या 27 थी। बैंकों के विलय से किसी भी बैंक के खाताधारक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंकों का विलय इस प्रकार किया गया है-
पंजाब नेशनल बैंक या पीएनबी (Punjab National Bank – PNB)) बैंक में अब यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) का विलय होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में आंध्रा बैंक (Andhra Bank ) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) को मिलाया जाएगा।
केनरा बैंक ( Canara Bank) के साथ सिंंडिकेट (Syndicate Bank) बैंक मिलेेगा। इंडियन बैंक (Indian Bank) में इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) के मर्जर का ऐलान किया गया है। Indian Overseas Bank, UCO Bank, Bank of Maharashtra और Punjab and Sind Bank पहले की तरह काम करते रहेंगे।
यह मोदी सरकार द्वारा बैंकों के विलय की सबसे बड़ी कवायद है। अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक (PSB) पंजाब नेशनल बैंक होगा। तीसरे नंबर पर बैंक ऑफ बड़ौदा है और रहेगा। चौथा स्थान केनरा बैंक का होगा। विलय के बाद अलाहाबाद बैंक सातवां सबसे बड़ा बैंक होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी बैंकों को पर्याप्त पूंजी दी जाएगी। 23 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि इस वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सचिव (वित्तीय सेवा) राजीव कुमार ने बताया कि मर्जर के चलते किसी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी, उल्टे उन्हें मिलने वाली सुविधाएं और काम की स्थिति बेहतर होंगी।
इससे पहले सरकार ने देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) को बैंक ऑफ बडौदा (Bank of Baroda) में मिलाया था। इसके भी पहले सरकार ने स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में मर्ज किया था।
ऐसे लागू होगा विलय का प्रस्ताव: वित्त मंत्री ने जो ऐलान किया, उसके अमल की प्रक्रिया यह होगी। जिस बैंक का विलय होगा और जिस बैंक में होगा, दोनों के ही बोर्ड इस बारे में विचार-विमर्श करके प्रस्ताव तयार करेंगे। यह प्रस्ताव सरकार के पास आएगा। सरकार इसे लेकर रिजर्व बैंक के पास जाएगी। फिर रिजर्व बैंक के सुझावों और संबंधित बैंकों की सहमति के आधार पर विलय की आखिरी प्रक्रिया और तारीख तय की जाएगी।
वित्त मंत्री ने और क्या किए ऐलान? जानें बैंक मर्जर से इतर उनकी PC की बड़ी बातें यहां