टैक्स हैवन पनामा की इंटरनेशनल लॉ फर्म Mossack Fonseca (MF) के दस्तावेजों से जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें रियल स्टेट ग्रुप डीएलएफ के प्रमोटर कुशल पाल सिंह और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। केपी सिंह ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में तीन फर्म बनाईं, जिनमें उनके परिवार के 10 सदस्यों के शामिल हुए। आपको बता दें कि डीएलएफ इससे पहले हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा के साथ लैंड डील मामले को लेकर विवादों में घिर चुका है।
रिकॉर्ड के मुताबिक, 84 साल के केपी सिंह और उनकी पत्नी इंदिरा Willder Ltd नाम की कंपनी में 2013 में शेयर होल्डर बने थे। दस्तावेज यह भी बताते हैं कि उनके परिवार के सदस्यों ने 2012 में भी दो कंपनी बनाई थीं। ये तीनों कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में रजिस्टर्ड की गई थीं। इनमें एक उनके बेटे राजीव सिंह ने स्थापित की थी, जबकि दूसरी पिया सिंह ने की। इस मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि टैक्स हैवन में जितनी भी कंपनियां खोली जाती हैं, उनकी कैपिटल ज्यादा नहीं होती, लेकिन केपी सिंह के परिवार की कंपनियों की वेल्यू करीब 67 करोड़ यानी 10 मिलियन डॉलर थी। केपी सिंह 2011 में दुनिया के अमीर लोगों की फोर्ब्स की सूची में 130वें नंबर पर रहे थे।
केपी सिंह ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए उन्होंने पूरे मसले पर सफाई देते हुए कहा कि आरबीआई के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। तय सीमा में ही रकम जमा की। आरबीआई नियमों के मुताबिक, भारतीय नागरिक विदेश में खाता खेल सकते हैं। केपी ने आगे कहा, चूंकि शेयर (Liberalised Remittance Scheme) LRS के तहत खरीदे गए थे। ऐसे में फेमा को इसकी जानकारी देना आवश्यक नहीं है। हमारे इन्कम टैक्स रिटर्न विदेशी संपत्ति का ब्योरा हर साल दिया जाता है।
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