जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी हमलों में इजाफा देखने को मिला है। चिंता की बात यह है कि जम्मू क्षेत्र में अचानक से यह हमल ज्यादा हो गए हैं, जो इलाके पहले शांत रहते थे, जिन्हें आतंक मुक्त घोषित किया जा चुका था, वहां भी लगातार हमले हुए। कई जवान भी शहीद हो चुके हैं। अब बढ़ते तनाव के बीच जम्मू में हलचल तेज हो गई है। 3000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।

शाह की अहम मीटिंग

बड़ी बात यह है कि गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति को लेकर एक अहम बैठक की थी। उस बैठक के बाद ही यह खबरें आने लगीं कि जम्मू में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है। जानकार तो मान रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती लंबे समय बाद देखने को मिल रही है। इसी वजह से सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय सेना किसी बड़े या सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देने वाली है। क्या जम्मू को आतंकवाद से मुक्त करने के लिए बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई होने वाली है?

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कितने सैनिक हुए तैनात?

अभी के लिए जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सेना ने जम्मू में अतिरिक्त 3000 सैनिकों की तैनाती कर दी है। इसमें 500 तो पैरा कमांडो भी शामिल हैं। सीएपीएफ की तरफ से भी अतिरिक्त जवानों की तैनाती जम्मू में की गई है, यानी कि हर तरफ से सैनिकों को जमीन पर बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले जब भी इस तरह से जम्मू-कश्मीर में अचानक से सैनिकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो कोई बड़ा फैसला होता दिख जाता है।

जब-जब बढ़ी सैनिकों की संख्या…

जब अनुच्छेद 370 को खत्म करने की तैयारी की जा रही थी, तब भी इसी तरह से घाटी में सैनिकों की संख्या हर बीतते दिन के साथ बढ़ाई जा रही थी। अब जब जम्मू में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ गई हैं, फिर उसी तर्ज पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सांबा के बॉर्डर इलाकों में स्थित पुलिस चौकियों पर पहली बार सेना की जबरदस्त पैट्रोलिंग देखने को मिल रही है, इसके अलावा कठुआ में भी 80 किलोमीटर के दायरे में अतिरिक्त फोर्स तैनात हुई है।

क्या था ऑपरेशन सर्प विनाश?

खबर तो यह भी है कि सेना साल 2000 की तरह फिर ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू कर सकती है। असल में उस ऑपरेशन के तहत भी जम्मू में ही आतंकियों का सफाया करने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया था। 10 दिनों के अंदर में 60 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया था और कई हथियार भी जब्त किए थे। अब जब फिर जम्मू ही आतंक का नया एपीसेंटर बन रहा है, सेना के अगली बड़ी कार्रवाई का इंतजार सभी को है।