दिल्ली अतिथि अध्यापक मंच की ओर से दिल्ली गेस्ट टीचर्स का एक प्रतिनिधि मंडल ने राजघाट जाकर दिल्ली के हज़ारों अतिथि अध्यापकों के विभिन्न समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और एलजी साहब के सुखी जीवन एवं दीर्घ आयु के लिए प्रार्थना की।
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले हजारों अतिथि अध्यापकों को दिल्ली की सरकार और उप राज्यपाल ने पिछले कई वर्षों से दिहाड़ी मजदूर बना कर रखा है और पिछले सात वर्षों से महंगाई के बेतहाशा बढ़ने के बावजूद उनके दैनिक वेतन में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं की है।
इसके अतिरिक्त दिल्ली में पीएफसी और ट्रांसफर की वजह से हजारों गेस्ट टीचर्स आए दिन हताहत होते रहते हैं। उनका जीवन इसी पीड़ा और आशंका में गुज़रती है। कोर्ट के समक्ष दिल्ली शिक्षा विभाग के ताजा एफिडेविट और आने वाली 26000 वेकेंसियों ने दिल्ली के हजारों अतिथि अध्यापकों की नींद उड़ा रखी है। इससे दिल्ली के हज़ारों अतिथि अध्यापक हताश और निराश हैं।

इसी निराशा की कड़ी में रविवार को गेस्ट टीचर्स का प्रतिनिधि मण्डल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर इस आशा और विश्वास के साथ पहुंचा कि क्या पता दिल्ली सरकार गांधी के मार्ग और उनके बताए हुए अंदाज पर चलने वाले गेस्ट टीचर्स की गतिविधियों को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करे।