उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश की राजनीति में गुबार पैदा करने वाले दादरी कांड मामले में पीड़ित के घर में मिले गोश्त के गोमांस होने सम्बन्धी फोरेंसिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर, भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने सरकार और मीडिया को कठघरे में खड़ा करते हुए पीड़ित पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उन्हें दी गई सरकारी सहायता वापस लेने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मांस का वह सैम्पल कहां मिला। उसके घर पर कोई चीज ऐसी नहीं थी, जिस पर आपत्ति हो। फ्रिज में नहीं थी, आप आपत्ति नहीं कर सकते। उस मामले पर सबकी नजर है। सब चाहते हैं कि परिवार को न्याय मिले। उस परिवार में हत्या हुई है। जब हत्या हुई थी तब दुनिया में बहस छिड़ी थी कि कौन क्या खाता है, कौन क्या पहनता है, कौन क्या भाषा बोलता है। मैं समझता हूं कि इन विवादों से दूर रहना चाहिए।’
There was nothing in #Akhlaq ‘s house which was objectionable, nothing in his fridge-CM Akhilesh Yadav pic.twitter.com/q91XSo73pZ
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2016
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दूसरी ओर, भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने बीफ खाने की आशंका में पीट-पीटकर मारे गए अखलाक नामक व्यक्ति के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मुकदमा दर्ज करने और उसे मिली सरकारी सहायता वापस लेने की मांग की है। आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कहा, ‘यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार, देश के विपक्षी दलों और मीडिया के एक वर्ग को कठघरे में खड़ा करती है। इस पर ये सब मौन रहेंगे लेकिन हम मांग करेंगे कि बिसाहड़ा काण्ड में जिन निर्दोष हिन्दुओं को जेल में बंद किया गया है, उन्हें छोड़ा जाए। देश में गोहत्या कानूनन अपराध है, लिहाजा अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और उसे दी गई सरकारी सहायता वापस ली जाए।’
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गौरतलब है कि पिछले साल 28 सितम्बर को अपने घर में गोमांस खाने की आशंका में भीड़ ने अखलाक नामक व्यक्ति के घर में घुस कर उसे तथा उसके बेटे दानिश को मारा-पीटा था। इस वारदात में अखलाक की मौत हो गई थी। मंगलवार को इस मामले में उस समय एक नया मोड़ आया गया जब मथुरा स्थित एक फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कहा गया कि मृतक के मकान से मिला गोश्त दरअसल गोमांस ही था।
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Vijay • 5 mins