योगा को लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी काफी जागरूक हैं। फिल्मी दुनिया में दशकों तक सफलता की बुलंदियों पर रहने वाली शिल्पा योग को ईगो, डर और दर्द को दूर करने का साधन मानती हैं। उन्होंने लोगों को बेहतर फिटनेस का टिप्स देने के लिए खुद की योगा सीडी को भी जारी किया था। शिल्पा शेट्टी ने पेट की चर्बी को कम कर उसे सही शेप में लाने के लिए कई तरह के आसनों के अभ्यास की विधि के बारे में बताया है। उनमें से कुछ आसनों के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।
1. धनुरासन – शरीर को धनुष के आकार में रखकर किए जाने वाले इस अभ्यास से वजन कम करने में तो मदद मिलती ही है साथ ही यह डायबिटीज, पीठ के दर्द, अस्थमा, पाइल्स और कब्ज के लिए भी बेहद लाभकारी आसन है।
विधि – इसे करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी ठोड़ी को जमीन से लगाकर रखें। अब पैरों को घुटने से मोड़े और पंजो को हाथो से पकड़ने का प्रयास करें। फिर साँस भरते हुए और बाजुओं को सीधे रखते हुए सिर, कंधे और छाती को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और कुछ सेकंड के बाद साँस छोड़ते हुए छाती, कंधे और ठुड्डी को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं। अब पंजों को छोड़ दें और कुछ समय आराम करें। इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
2. स्लिम कमर के लिए चक्रासन – चक्रासन बढ़ती उम्र के प्रभाव को टालने का काम करता है। अस्थमा के रोगियों के लिए यह लाभकारी आसन है। सांस संबंधी समस्याओं से परेशान लोग भी इसे कर सकते हैं। यह शरीर को पर्याप्त लचीलापन प्रदान करता है।
विधि – पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ लें और एड़ियों को नितंबों से स्पर्श कराते हुए पैरों को 10-12 इंच की दूरी पर रखें। हथेलियों को कंधे के ऊपर सिर के नजदीक रखकर धड़ को ऊपर उठाते हुए पीठ को मोड़ें। सिर को लटकता छोड़ बाहों और पावों को यथासंभव तान लें। धीरे-धीरे सांस लें और कुछ देर तक यूं हीं बने रहें। फिर पूर्वावस्था में लौट आएं।
3. फ्लैट स्टोमक के लिए भुजंगासन – यह पूरे शरीर का व्यायाम है। इससे पीठ का दर्द, तनाव और अपच की समस्या आसानी से दूर की जा सकती है।
विधि – भुजंगासन के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाइए। दोनों पैर सीधे करके मिला लीजिए। फिर दोनों हाथों को चेहरे के सामने रख लीजिए। दोनों हाथ की उंगलियों को पान का आकार दीजिए। उस आकार में अपनी ठोड़ी को रख लीजिए। सांस भरते समय धीरे-धीरे दोनों हाथों को सीधा कीजिए। कुछ समय तक इसी स्थिति में रुकिए। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पूर्व स्थिति में आ जाइए।