World Introvert Day 2025 Date, History: हर साल 2 जनवरी के दिन को विश्व अंतर्मुखी दिवस यानी वर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे (World Introvert Day) के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। जैसा कि नाम से ही साफ है, ये दिन खासतौर पर इंट्रोवर्ट लोगों के लिए ही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इंट्रोवर्ट लोग होते कौन हैं, ये शब्द कहां से आया और क्या बेहद अंतर्मुखी होना बुरा है?

कौन होते हैं इंट्रोवर्ट लोग?

दरअसल, आमतौर पर माना जाता है कि जो लोग कम बोलते हैं, जिन्हें ज्यादा घुलना-मिलना पसंद नहीं होता है, जो अपने विचारों और भावनाओं को अंदर ही रखते हैं, बाहरी दुनिया से कम जुड़ते हैं और जिन्हें अकेले समय बिताना ज्यादा पसंद होता है, उन्हें इंट्रोवर्ट कहा जाता है।

हालांकि, आपको बता दें कि केवल इस तरह का व्यवहार करने वाले लोगों को ही इंट्रोवर्ट की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है। इससे अलग कुछ शोध के नतीजे बताते हैं कि इंट्रोवर्ट लोगों में ब्रेन कैमिकल और मैंसेंजर भी अलग तरह से काम करते हैं। आसान भाषा में कहें तो इंट्रोवर्ट लोगों का दिमाग भी बाकी लोगों से कुछ हटकर प्रतिक्रिया करता है। खासकर ऐसे लोगों का ब्रेन डोपामाइन पर अलग तरह से रिएक्ट करता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैसे तो इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट दोनों प्रकार के लोगों में डोपामाइन की मात्रा समान होती है लेकिन इंट्रोवर्ट लोगों को इससे अधिक लाभ मिलने की संभावनाएं होती हैं। डोपामाइन हार्मोन मस्तिष्क को मूवमेंट, याददाश्त, अटेंशन, मूड, मोटिवेशन और कई अन्य कामों को करने पर प्रभाव डालता है।

इससे अलग कुछ रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि इंट्रोवर्ट लोगों के फ्रंटल लोब में रक्त का प्रवाह अधिक होता है। फ्रंटल लोब मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो आपको चीजों को याद रखने, समस्याओं को हल करने और आगे की योजना बनाने में मदद करता है। यानी इंट्रोवर्ट लोग अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से चीजों को डील करने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि, क्योंकि वे ज्यादा लोगों के साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं, इसके चलते अक्सर उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है या लोग उन्हें ठीक तरह से समझ नहीं पाते हैं।

कहां से आया ‘इंट्रोवर्ट’ शब्द?

जानकारी के मुताबिक, साल 1920 में कार्ल जंग नाम के एक मनोवैज्ञानिक ने इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट शब्दों का उपयोग करना शुरू किया था। हालांकि, साल 2011 में जानी-मानी जर्मन साइकोलॉजिस्ट और राइटर फेलिसिटास हेने ने वर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे को मनाने की शुरुआत की थी। यानी दुनियाभर में 2 जनवरी 2011 को पहली बार ये खास दिन मनाया गया था।

क्या बेहद अंतर्मुखी यानी इंट्रोवर्ट होना बुरा है?

जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, इंट्रोवर्ट लोगों की अपनी ताकतें और कमजोरियां होती हैं। वे अक्सर गहरी सोच वाले और रचनात्मक होते हैं। कई मामलों में चीजों को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं और बेहतर तरीके से डील भी करते हैं। हालांकि, कभी-कभी उनकी अंतर्मुखी प्रवृत्ति उन्हें दूसरों के साथ जुड़ने में मुश्किल कर सकती है।

इंट्रोवर्ट लोगों के लिए कुछ सुझाव

  • अगर आप भी इंट्रोवर्ट हैं, तो अपनी ताकतों को पहचानें और उन्हें विकसित करने की कोशिश करें।
  • अपने आप को स्वीकार करें। आप जैसे हैं, वैसे बेहतर हैं लेकिन इसके साथ ही दूसरों के साथ जुड़ने का प्रयास भी करें। ऐसा करते समय आपको शुरुआत में असहजता का एहसास हो सकता है लेकिन समय के साथ चीजें सामान्य होती जाएंगी।

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