Women Equality Day 2023: कानूनी बात करें, तो पुरुषों और महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है। लेकिन जब समाज में समानता की बात आती है, तो यह काफी कम देखने को मिलता है। आज भी महिलाएं पुरुषों से कम ही आंकी जाती हैं फिर चाहे वो शिक्षा, नौकरी, खेल या फिर आसमान छूने की बात हो। हर एक चीज में उन्हें कई गुनी मशक्कत के साथ मिलती है। पिछले कुछ सालों की बात करें, तो महिलाओं ने उद्यमिता में भी काफी योग्यता दी है। अधिक से अधिक महिला उद्यमी इस बात को साबित कर चुकी हैं कि वह भी विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहराकर पावरफुल बिजनेस वुमन बन सकती हैं।

सशक्त महिलाएं दुनिया को सशक्त बनाती हैं। वह हर एक बाधाओं को तोड़ती  हुई खुद के लिए लड़ती है।  आज भी इस पुरुष-उन्मुख समाज में महिलाओं को अभी भी कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है। समानता के हक की लड़ाई करीब 50 सालों तक चली। इसके बाद 26 अगस्त 1920 को महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसके साथ ही समाज में उन्हें अपना हक दिलाने के उद्देश्य से हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस मनाया जाता है। महिला समानता दिवस के मौके पर जानिए कुछ खास बिजनेस वुमैन से कि वह क्या सोचती हैं महिला समानता के बारे में।

महिला-पुरुष को मिलकर बनाना चाहिए ऐसा वातावरण- अंजलि त्यागी

रिलेशनशिप कोच अंजलि त्यागी का महिला समानता दिवस के बारे में कहना है कि इस खास मौके पर आइए हम सब मिलकर मजबूत रिश्ते बनाने और लैंगिक समानता हासिल करने के बीच गहरी समानता पर विचार करें। वास्तव में हमें सफलता तब हासिल होगी, जब हम प्रत्येक व्यक्ति के विचारों का सम्मान किया जाएगा। महिला और पुरुषों दोनों साझेदार मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जहां उनका पूरा अस्तित्व विकसित हो सकता है। ठीक उसी तरह जैसे एक विविध समाज अपने सदस्यों के विभिन्न योगदानों से लाभान्वित होता है। हमें न केवल अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए, बल्कि एक ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहरानी चाहिए। जहां रिश्ते वास्तविक समानता पर मजबूती से आधारित हों और एक-दूसरे की जरूरतों के लिए दृढ़ समर्थन को बढ़ावा दें।

अपनी उपलब्धियों पर मनाएं जश्न- याशिका अरोड़ा

Paw Petisserie की संस्थापक याशिका अरोड़ा की कहना है कि  सशक्त महिलाएं दुनिया को सशक्त बनाती हैं। वह हर बाधाओं को तोड़ती हैं और आगे बढ़ती है। इस महिला समानता दिवस पर आइए सभी के लिए सफलता और समानता का मार्ग बनाते हुए एक साथ आगे बढ़ना जारी रखें। महिला समानता दिवस लैंगिक समानता के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और महिलाओं की उपलब्धियों को मनाने का अवसर देता है जिसे हर किसी को जरूर मनाना चाहिए। फिर आप चाहे कि भी तरह की नौकरी कर रही हो।  इस पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं को अभी भी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हर किसी को मिले समानता का अधिकार- सरबानी बोस

सर्बानी बोस, इंटीग्रेटर का कहना है कि वह अनलिफ्ट हाशियों पर पड़े समुदायों के उत्थान के लिए काफी करती हैं। उनका कहना कि वह हर साल महिला समानता दिवस धूमधाम से मनाती है। इस दिन हम लैंगिक समानता की दिशा में की गई गति को देखते हैं और आगे क्या करना है इसके बारे में सोचते हैं।  हम लैंगिक विविधता और समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं।

भारत के अग्रणी गैर-लाभकारी संगठन के रूप में हमने हमेशा सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए समुदायों और व्यक्तियों की शक्ति में विश्वास किया है। हमारा मुख्य उद्देश्य महिला लिंग अनुपात को बढ़ाना है, जो समाज के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इससे  ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं की संख्या ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि कई बड़ों पदों में भी कार्यरत होगी।  इसलिए हमारा संगठन महिला कार्यबल के लिए बेहतर कार्य करने के लिए अच्छा वातावरण बनाने की पूरी कोशिश कर रही है।

सरबानी आगे कहती हैं कि हमारी कोशिश हैं कि आने वाले कुछ मह में करीब 30 प्रतिशत महिलाएं संगठन से जुड़े। यह रणनीतिक कदम न केवल लैंगिक समानता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बढ़ाता है, बल्कि महिलाओं द्वारा सामने लाई जाने वाली परिवर्तनकारी क्षमता का भी उपयोग करता है। बता दें कि सात राज्यों में 2.64 मिलियन महिलाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ इन राज्यों के अन्य संगठनों के साथ जुड़कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है, जो महिलाओं में अपने सहानुभूतिपूर्ण कौशल और अटूट दृढ़ संकल्प के साथ जीवन के उत्थान में निभाएंगी ।