karwa Chauth Red Colour: करवा चौथ का त्योहार महिलाओं के लिए खास होता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार में तैयार होती हैं। वहीं, इस दिन महिलाएं खास तौर पर लाल रंग की साड़ियां पहनती हैं।

ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि महिलाएं इस दिन लाल रंग में ही क्यों तैयार होती हैं और माथे पर लाल रंग की बिंदी ही क्यों लगाती हैं। अगर आप भी इन सवालों के जवाब जानना चाहती हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम आपको इन सभी सवालों के बारे में बताएंगे।

करवा चौथ पर क्यों पहनी जाती है लाल साड़ी

हिंदू संस्कृति में लाल रंग का काफी महत्व होता है। यह शक्ति, ऊर्जा, प्यार और वैवाहिक सुख का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। इसलिए लाल साड़ी पहनना इस आशा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। वहीं, शादी के समय दुल्हन लाल साड़ी या फिर लाल लहंगा पहनती है। ऐसे में इस दिन महिलाएं लाल साड़ी पहनकर अपनी यादों को ताज़ा करती हैं, जो पति के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।

लाल रंग किसका प्रतीक है?

लाल रंग पहनना शक्ति और आत्मविश्वास से भरा हुआ दिखाता है। इस प्रकार, एक लड़की महसूस कर सकती है कि वह एक बोल्ड और प्रभावशाली जीवन के लिए तैयार है। लाल जुनून और कामुकता का प्रतीक है। इसलिए इस रंग को रोमांस और फर्टिलिटी से भी जोड़कर देखा जाता है। इसमें सुरक्षा की भावना भी होती है। ऐसे में इसे शादी के रिश्ते से भी जोड़कर देखा जाता है।

बुरी चीजों को दूर रखता है लाल रंग

लाल रंग सौभाग्य और समृद्धि लाता है, बुरी चीजों को दूर रखता है और भविष्य में सौहार्दपूर्ण जीवन बनाए रखता है, जिसकी दुल्हन को जरूरत होती है। लाल एक शुभ रंग है जो जोड़े को मजबूत और स्थायी बंधन का आशीर्वाद देता है। इसी वजह से भारत में शादी, शुभ अवसरों या पूजा पर इस रंग को पहना जाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।