World Ozone Day 2025: पृथ्वी को बचाने के लिए ओजोन परत बेहद जरूरी होती है। इसको लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकती है। लेकिन इंसानों की कुछ गलतियों की वजह से ये परत बहुत तेजी से क्षतिग्रस्त होती जा रही है। आइए जानें इसके बारे में कुछ रोचक बातें।

क्या होती है ओजोन परत?

पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जाने वाली सबसे ऊंची परतों में एक परत को ओजोन परत कहते हैं। इसका काम सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को हमारी पृथ्वी में प्रवेश करने से रोकना होता है। इतना ही नहीं ये कई तरह की हानिकारक किरणों से भी बचाव करती है। इसकी खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।

ओजोन दिवस मनाने की ऐसे हुए शुरूआत

वर्ष 1970 में वैज्ञानिकों को खोज के दौरान यह बात पता चली कि ओजोन परत में छेद हो रहे हैं। इसकी सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र और 45 देशों ने मिलकर 16 सितंबर, 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद ओजोन परत को बचाने के लिए कई देश एक साथ मिलकर काम करने लगे। 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के लागू होने की सालगिरह पर यह दिन चुना गया।

ओजोन परत को बचाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

एसी, फ्रीज और वाहनों का कम इस्तेमाल करे की कोशिश करें।
ज्यादा से ज्यादा हरियाली ही ओजोन की परत को बचा सकती है।
इसलिए अपने आसपास पौधे लगाएं। ताकि पृथ्वी को बचाया जा सके।
गाड़ियों के टायर, पॉलिथिन, प्लास्टिक को भूलकर भी न जलाएं।