Friendship Day 2019: भारत में फ्रेंडशिप डे मनाने का रिवाज बहुत सालों से चला आ रहा है। लोग यहां इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाते हैं। लेकिन यह “महाभारत” और “रामायण” के समय से चला आ रहा है। उस वक्त भी दोस्ती का बेहद महत्व था। हनुमान-सुग्रीव, राम-कृष्ण और कृष्ण-सुदामा ने लोगों तक दोस्ती के महत्व को बताया और समझाया कि आखिर दोस्त किसलिए होते हैं। आज भी जब बात दोस्ती की आती है तो लोग इन महापुरूषों को जरूर याद करते हैं। पिछले साल फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त को मनाया गया था और इस साल 4 अगस्त को मनाया जाएगा।

आइए हम आपको बताते हैं फ्रेंडशिप डे के महत्व के बारे में :-

कृष्ण-अर्जुन:
कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती की मिसाल हर कोई दे सकता है। कृष्ण ने अर्जुन को तब मार्ग-दर्शन दिया जब वह युद्ध छोड़कर मैदान से जा रहे थे। अर्जुन ने भी एक दोस्त होने के नाते उनकी बात मान ली थी। इस बात ने लोगों को भरोसा दिलाया कि दोस्ती के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है और दोस्ती जन्म-जन्मांतर की होती है।

हनुमान-सुग्रीव:
दोस्ती की बात आती है तो हनुमान और सुग्रीम का नाम ना आए दिमाग में ऐसा कैसे हो सकता है। सुग्रीव ने हनुमान की पूरी मदद की थी सीता को रावण के पास से छुड़ाने में। उन्होंने हनुमान का हर परिस्थिति में साथ दिया था।

कृष्ण-सुदामा:
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती भी बहुत अलग थी। कृष्ण ने बिना अमीरी-गरीबी का ध्यान देते हुए सुदामा का साथ दिया था। यहां तक कि उन्होंने सुदामा की गरीबी तक को हर लिया था।
उज्जैन में एक मंदिर है जहां कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को आज भी देखा जा सकता है। उस मंदिर में भगवान कृष्ण और सुदामा की मूर्ति एक साथ रखी गई है। इस मंदिर को वहां के प्रशासनों द्वारा मित्र स्थल के रूप में नाम दिया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि आज भी इस मंदिर के पेड़ों में इन दोनों की दोस्ती को देखा जाता है।