बिजनेस टाइकून और देश के सबसे अमीर शख़्स में शुमार मुकेश अंबानी अपनी लैविश लाइफस्टाइल-पार्टियों के लिए भी चर्चित हैं। पिछले महीने उन्होंने अपनी होने वाली छोटी बहू राधिका मर्चेंट की ‘अरंगेत्रम सेरेमनी’ आयोजित की थी। इस सेरेमनी में सियासत से लेकर सिनेमा की तमाम हस्तियों ने शिरकत की, लेकिन सबकी निगाहें एक शख्स पर ठहर गईं।

मुकेश और अनिल अंबानी ने पर्सनली उस शख़्स को न सिर्फ रिसीव किया, बल्कि झुककर पैर छुए और हॉल तक ले आए। वो शख़्स कोई और नहीं बल्कि अंबानी परिवार के गुरु रमेश भाई ओझा (भाईश्री) थे।

कौन हैं रमेश भाई ओझा?: जब अंबानी भाइयों के बीच मतभेद हुआ तो परिवार में आई अशांति को शांत करने के लिए रमेश भाई ओझा भी पहुंचे थे। उन्होंने दोनो भाइयों, मुकेश और अनिल को एक साथ रहने की सलाह दी थी। इतना ही नहीं, परिवार के अलावा रमेश भाई ओझा ही ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें विवाद को सुलझाने वाली बैठक में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। बैठक के बाद भाई श्री ने ही कहा था कि दोनों भाई एक छत के नीचे ही रहेंगे।

कब और कैसे अंबानी परिवार के करीब आए रमेश भाई? एक रिपोर्ट के अनुसार, कोकिलाबेन, भाई श्री के मोटिवेशनल वीडियो देखती थीं और इससे वे काफी प्रभावित हो गई थीं। बाद में कोकिलाबेन ने भाई श्री को अपने घर राम कथा के आमंत्रित किया था। यह बात 1997 की है, इसके बाद अंबानी परिवार और भाई श्री के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। धीरूभाई अंबानी की मृत्यु (2002) के बाद भाई श्री ने ही उनका अंतिम संस्कार करवाया था।

कैसे शुरू हुआ था दोनों भाइयों के बीच विवाद?: साल 2002 में जब धीरुभाई अंबानी की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई तो मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच कारोबार पर प्रभुत्व को लेकर विवाद शुरू हो गया। मां कोकिलाबेन ने इस झगड़े को घर में सुलझा लेने की हर संभव कोशिश की थी। इसमें भाईश्री भी शामिल थे लेकिन साल 2005 में कंपनी का बंटवारा हो गया और मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईपीसीएल मिला, जबकि अनिल को रिलायंस इंफोकॉम, रिलायंस इनर्जी और रिलायंस कैपिटल की जिम्मेदारी दी गई। हलांकि इसके बाद भी विवाद शांत नहीं हुआ था, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। 

आपको बता दें कि रिलायंस में बंटवारे के दो साल बाद, 2007 में फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में अनिल अंबानी 45 अरब डॉलर और मुकेश 49 अरब डॉलर के मालिक थे। अब मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीरों में शुमार हैं लेकिन अनिल अंबानी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यहां तक कि अनिल अंबानी की जेल तक जाने की नौबत आ गई थी।