Kalimpong: कलिम्पोंग एक बेहद ही खास जगह है। ये पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में मौजूद है। ये बिलकुल अलग ही हील स्टेशन है। हर कुछ घंटों पर यहां बारिश होती रहती है। आस-पास बुद्धिस्ट मंक और कुछ तिब्बती बौद्ध मठ के बीच लोगों को यहां आकर एक अलग सी शांति महसूस होती है। बंगाल आने वाले हर इंसान को इस जगह को घूमे बिना लौटना नहीं चाहिए। इस जगह पर आकर आप आलीशान इमारतों,अनोखी वास्तुकला, मूर्तिकला और खूबसूरत संरचनाओं को देख सकते हैं। इसके अलावा भी यहां बहुत कुछ है घूमने को। आइए, जानते हैं दिल्ली से कलिम्पोंग कैसे पहुंचे और यहां खास क्या है।
दिल्ली से कलिम्पोंग कैसे जाएं-How to go from delhi to Kalimpong
कलिम्पोंग दिल्ली से लगभग 1200 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से कलिम्पोंग पहुंचने का सबसे तेज तरीका फ्लाइट, ट्रेन वाया सिलीगुड़ी है। इसमें लगभग 4 घंटे लगते हैं। तो आपको कलिम्पोंग का निकटतम हवाई अड्डा, बागडोगरा हवाई तक की फ्लाइट लेनी है जो कलिम्पोंग शहर से थोड़ी दूरी पर है। ड्राइव में लगभग तीन घंटे लगते हैं।
अगर आप ट्रेन जाना चाहते हैं निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी तक जाएं है जो कलिम्पोंग से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन कलिम्पोंग को देश के विभिन्न शहरों से जोड़ता है। एनजेपी स्टेशन से, पर्यटक कलिम्पोंग तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं।
कलिम्पोंग में घूमने के लिए क्या है-Places to visit in Kalimpong
कलिम्पोंग जाने पर सुंदर मठों की यात्रा करें और देवदार के जंगल में ट्रेक करें। पिकनिक पर लंच के साथ आराम करें या खिले हुए ऑर्किड के फूल देखने के लिए नर्सरी जाएं। इसके बाद यहां के तिब्बती मोमोज का आनंद लें, घर वापस ले जाने के लिए थंगका खरीदें और कलिम्पोंग के प्रसिद्ध पनीर का स्वाद लें। आप यहां के
-डुर्पिन दर्रा (Durpin Dara)
-डुर्पिन मठ (Durpin Monastery)
-थोंगसा गोम्पा (Thongsa Gompa)
-फूलों की नर्सरी (Flower Nurseries)
-डॉ ग्राहम होम्स स्कूल (Dr Graham’s Homes)
-देओलो हिल (Deolo Hill)
-मैकफर्लेन चर्च (Macfarlane Church) घूम सकते हैं।
तो, 2 से 4 दिन की छुट्टी लें और इस खूबसूरत शहर में घूमकर आएं। ये आपके मन को खुश कर देगा। साथ ही यहां जाने के बाद आप एक अलग सी शांति महसूस करेंगे जैसे कि आप प्रकृति के बेहद करीब हों। तो कभी इस जगह पर जरूर घूमकर आएं।