Shakti Peeth: चार धाम की यात्रा और 12 ज्योर्तिलिंगो की तरह माता सती के 51 शक्ति पीठों का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इनके दर्शनों के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग पहुंचते हैं। देवी पुराण के मुताबिक मां के शक्ति पीठ भारत ही नहीं बल्कि आसपास के देशों में भी स्थापित हैं। पुराणों के अनुसार इन शक्ति पीठों का संबंध भगवान शंकर, माता सती और दक्ष प्रजापति से है। देवी सती के यज्ञ में प्राणाहुति देने के बाद उनके शरीर के टुकड़े जिन अलग-अलग स्थानों पर गिरे, वहीं जगह शक्ति पीठ कहलायीं। इन जगहों पर मातारानी के मंदिर हैं। जहां दर्शन के लिए बड़ी संख्या में नवरात्रि में भक्त पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इनके नाम और जगह के बारे में।
1) ज्वाला देवी, कांगड़ा- जीभ
2) अमरनाथ, जम्मू कश्मीर- गला
3) फुलारा, पश्चिम बंगाल- निचला होंठ
4) कात्यायनी, मथुरा- बाल
5) ललिता, प्रयागराज- उंगलियां
6) नारायणी, कन्याकुमारी- ऊपरी दांत
7) सावित्री, कुरुक्षेत्र- सीधे पैर का टखना
8) मगध, पटना- शरीर का दाहिना भाग
9) दाक्षायनी, बुरांग(तिब्बत)- दाहिनी हथेली
10) महिषासुरमर्दिनी, कोल्हापुर- तीसरी आंख
11) भ्रामरी, नासिक- ठोड़ी
12) अंबाजी, गुजरात- दिल
13) गायत्री, पुष्कर- कलाई
14) अंबिका, भरतपुर- बायां पैर
15) सर्वशैल पूर्वी, गोदावरी- बायां गाल
16) श्रावणी, कन्याकुमारी- रीढ़ की हड्डी
17) गंडकी चंडी, नेपाल- गाल
18) त्रिपुरमालिनी, जलंधर- लेफ्ट ब्रेस्ट
19) विशालक्षी, वाराणसी- कुंडल
20) बहुला, पश्चिम बंगाल- बायां हाथ
21) महिषमर्दिनी, पश्चिम बंगाल- भौंहों के बीच सिर का भाग
22) दक्षिणा काली, कोलकाता- उंगलियां
23) देवगर्भा, बीरभूम- हड्डी
24) विमला मुर्शिदाबाद- मुकुट
25) कुमारी शक्ति, हुगली- कंधा
26) नर्मदा, अमरकंटक- दायां नितंब
27) रामगिरि, चित्रकूट -दायां वक्ष
28) भ्रमरांबा, कुरनूल- दाहिनी पायल
29) महाशिरा, काठमांडू- कूल्हे
30) हिंगलाज, पाकिस्तान- सिर
31) सुगंधा, बांग्लादेश- नाक
32) जय दुर्गा, झारखंड- कान
33) जेसोरेश्वरी, बांग्लादेश- हथेली
34) भवानी, बांग्लादेश- दाहिना हाथ
35) महा लक्ष्मी, बांग्लादेश- गर्दन
36) श्री पर्वत, लद्दाख – दाएं पैर की पायल
37) पंच सागर,वाराणसी- निचला दाड़
38) मिथिला, दरभंगा – बायां कंधा
39) रत्नावली, चेन्नई- दायां कंधा
40) कालमाधव, अन्नुपुर- बायां नितंब
41) नागपूशनी, श्रीलंका- पायल
42) भ्रामरी, जलपाईगुड़ी- बायां पैर
43) नंदिनी, पश्चिम बंगाल- हार
44) मंगल चंडिका, पश्चिम बंगाल- दाहिनी कलाई
45) कपालिनी पुरबा, पश्चिम बंगाल- बायां टखना
46) अवंती, उज्जैन- ऊपरी होंठ
47) जयंती, मेघालय- बायीं जांघ
48) त्रिपुरा सुंदरी, त्रिपुरा- दायां पैर
49) बिराजा, ओडिशा- नाभि
50) अपर्णा, बांग्लादेश- बाएं पैर की पायल
51) कामाख्या, गुवाहाटी- योनि
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