ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे: ब्रह्म मुहूर्त में उठना हमेशा से ही फायदेमंद माना गया है। पर ज्यादातर लोगों को सिर्फ इसके धार्मिक लाभों के बारे में ही पता है। जबकि ऐसा नहीं है। इस समय उठना शरीर के लिए व्यापक तरीके से काम करता है और आपके हर अंग पर इसका गहरा असर होता है। दरअसल, जो लोग मानसिक रोगों के शिकार होते हैं या जिन्हें स्ट्रेस ज्यादा होता है उनके लिए इस समय सोकर उठना अलग तरीके से काम करता है। इसके अलावा आपके हार्मोनल हेल्थ और खान-पान की आदत को भी ये सही रखने में मददगार है। तो, आइए जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त में उठने के साइंटिफिक कारण।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के साइंटिफिक कारण
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के कई साइंटिफिक कारण (What is the science behind Brahma Muhurtha) हैं। दरअसल, जैविक सर्कैडियन लय या कहें कि हमारा बायोलॉजिकल बॉडी क्लॉक (Biological circadian rhythm), असल में इस समय में सोने और जागने से जुड़ा हुआ है। यानी कि अगर आपको अपनी लाइफस्टाइल बड़े बदलाव करने हैं तो इस क्लॉक को सही करना होगा और इसे सेट करने के लिए जरूरी है ब्रह्म मुहूर्त में उठना।
ब्रह्म मुहूर्त में उठना मेडिटेशन से कम क्यों नहीं है?
ब्रह्म मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण समय है जो हर दिन जैविक घड़ी को बदलता है और जैविक घड़ी की लय और पैटर्न को रिबूट और नियंत्रित करता है। इससे शरीर के हर अंग का फंक्शन जुड़ा होता है। जैसे कि आपका पाचन तंत्र, हार्मोनल हेल्थ, सोने का समय और फिर ब्रेन के काम काज का तरीका। तो, जब आप इस समय पर उठते हैं तो बॉडी खुद को रिबूट करके रिफ्रेश करती है। इससे इन तमाम फंक्शन को फिर से रीस्टार्ट मिलता है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद क्या करें
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद (What should be done during Brahma Muhurta) 10 मिनट आंख बंद करके चुपचाप बैठें। अगर आप कहीं बाहर खुली हवा में निकल सकते हैं तो वहां निकलकर घूमें और इस दौरान आस-पास की आवाजों पर ध्यान दें। फिर 10 मिनट बैठकर अपनी ब्रीदिंग पर ध्यान दें। अंत में उगते हुए सूरज को देखें और अगर आप कोई एक्सरसाइज नहीं करना चाहते तो ध्यान लगाएं।
इससे आपका ब्रेन डिटॉक्स होगा, स्ट्रेस कम होगा और आप एकाग्रचित हो पाएंगे। साथ ही आपको भूख समय पर लगेगी, नींद समय पर आएगी और आपकी लाइफस्टाइल बेहतर होगी।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सही समय
ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सही समय (Brahma Muhurtha time) सुबह 4 बजे से लेकर 5.30 तक है। तो, अब से आप इस समय पर उठने की कोशिश करें जिसका असर आप अपने शरीर पर व्यापक ढंग से देख पाएंगे।