टीबी और इंफर्टिलिटी का आपस में गहरा संबंध है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो महिलाओं को मां बनने में दिक्कत हो सकती है। टीबी (Tuberculosis)एक गंभीर स्थिति होती है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो इस बीमारी के जोखिम बढ़ सकते हैं। आमतौर पर टीबी संक्रमण से फेफड़े बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
आप जानते हैं कि टीबी की बीमारी लंग्स के अलावा भी बॉडी के कई अंगों को प्रभावित करती है। महिलाओं में टीबी की बीमारी बेहद परेशान करती है। जेनिटल ट्यूबरकुलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है। आइए जानते हैं कि जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस क्या है और उसके लक्षण और उपचार कैसे करें।
जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस क्या है?
जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस (Genital tuberculosis)टीबी की एक ऐसी बीमारी है जो महिला के जननांगों को प्रभावित करती है। ये बीमारी 15 साल की उम्र से लेकर 45 साल की उम्र तक कभी भी किसी को हो सकती है। यह बीमारी फैलोपियन ट्यूब, सरविक्स, ओवरी,यूटेरस और वजाइना को को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा जननांग टीबी पेल्विस में आसपास लिम्फ नोड्स में भी पनप सकती है। इस बीमारी की वजह से महिलाओं को प्रग्नेंट होने में रूकावट हो सकती है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जेनिटल ट्यूबरकुलोसिस महिलाओं में अनफर्टीलिटी की वजह बन सकती है।
जेनिटल ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण कौन-कौन से हैं?
- महिलाओं में इंफर्टिलीटी होना, चाहने के बाद भी प्रेग्नेंट नहीं होना
- हर वक्त थकान और बुखार महसूस होना।
- पेट में दर्द और पेट भारी महसूस होना।
- महिलाओं में वजाइनल डिस्चार्ज होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं।
- पीरियड्स का नियमित नहीं होना भी इस टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस का उपचार:
- जिन महिलाओं को जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस की परेशानी है वो अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। खाने-पीने और सोने जागने का समय निश्चित करें।
- डाइट का ध्यान रखें। डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जो इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाएं।
- महिलाओं को चाहिए कि वो इस बीमारी से बचाव करने के लिए तुरंत अपना इलाज कराएं।
- रोजाना एक्सरसाइज और योगा करें और तनाव से दूर रहें।