Dry Clean: ड्राई क्लीन के बारे में आप कितना जानते हैं। हम सभी के पास इसको लेकर जानकारी की कमी है। हम जो चाहते हैं वो कपड़े दे देते हैं और फिर इसे ड्राई क्लीन करवाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है। हर प्रकार के कपड़ों को ड्राई क्लीन नहीं करना चाहिए। कुछ ही कपड़ों को ही ड्राई क्लीन करवाना चाहिए और फिर इन कपड़ों को हाथों से धोना चाहिए। लेकिन, सवाल ये है कि ड्राई क्लीन होता क्या है, धुलाई व ड्राई क्लीनिंग में क्या अंतर है और किन कपड़ों के लिए ड्राई क्लीनिंग जरूरी है। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

ड्राई क्लीन है क्या-What is Dry Clean

ड्राई क्लीन, पारंपरिक कपड़ा धोने के तरीके से अलग है जिसमें पानी और डिटर्जेंट का उपयोग किया जाता है। ड्राई क्लीनिंग पानी के उपयोग के बिना कपड़े साफ करने की प्रक्रिया है। इसमें पानी और डिटर्जेंट से साफ करने के बजाय, कपड़ों को कार्बनिक सॉल्वैंट्स से साफ किया जाता है जो रेशम, ऊन और मखमल जैसे नाजुक कपड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना दाग हटाने का काम करते हैं।

धुलाई व ड्राई क्लीनिंग में क्या अंतर है-Difference between Dry cleaning and Washing

ड्राई क्लीनिंग में, टेट्राक्लोरोएथिलीन (tetrachloroethylene) सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कैमिकल है। इसके अलावा क्लोरीन ब्लीच का भी इस्तेमाल होता है जिसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट होता है और दूसरा ऑक्सीजन ब्लीच होता है जिसमें हाइड्रोजन पेरोक्साइड होता है। क्लोरीन ब्लीच आमतौर पर तरल रूप में आता है, लेकिन कभी-कभी यह पाउडर के रूप में भी पाया जा सकता है। इस प्रकार का ब्लीच बहुत शक्तिशाली होता है क्योंकि यह रंग धो देगा, गंध को खत्म कर देगा और यह लिनेन को भी कीटाणुरहित कर देगा। तो धुलाई में पानी, साबुन और डिटर्जेंट पाउडर का इस्तेमाल होता है। वॉशिंग मशीन के लिए भी लिक्विड डिटर्जेंट का इस्तेमाल होता है।

ड्राई क्लीन में होता क्या है-Process of Dry Clean

-ड्राई क्लीन में सबसे पहले सभी कपड़ों का निरीक्षण किया जाता और फिर इसके दाग को मार्क किया जाता है।
-विशिष्ट प्रकार के दागों और कपड़ों के लिए बनाए गए विशेष कैमिकल्स से इसे साफ किया जाता है।
-किसी भी डिजाइन और बटन को ड्राई क्लीनिंग प्रक्रिया के दौरान क्षति से बचाने के लिए एक मुलायम कपड़े से ढक दिया जाता है।
-फिर इसे ड्राई क्लीनिंग मशीन में डालकर तैयार करें।
-गंदे कपड़ों को ड्राई क्लीनिंग मशीन में रखा जाता है। धीमी गति से केमिकल के साथ हिलाया जाता है। ये मशीनें हमारे घर पर मौजूद वॉशिंग मशीनों की तुलना में बहुत बड़ी हैं।
-ड्राई क्लीनिंग मशीनों को बहुत धीमी गति से घूमने के लिए सेट किया जा सकता है और उनका तापमान भी अधिक नियंत्रित हो सकता है।
-जब ड्राई क्लीनिंग चक्र समाप्त हो जाता है, तो कपड़ों का फिर से चेक किए जाते हैं।
-भाप देकर इन कपड़ों को प्रेस किया जाता है।
कई ड्राई क्लीनर इस चरण के लिए फॉर्म फिनिशर का उपयोग करते हैं। फॉर्म फिनिशर्स ऐसी मशीनें हैं जो किसी कपड़े को पहनने की स्थिति में हवा या भाप का उपयोग करके इस्त्री करती हैं। यह सूखे साफ किए गए कपड़ों पर एक चिकनी, अधिक प्राचीन फिनिशिंग देती है।

किन कपड़ों के लिए जरूरी है Dry Cleaning

ड्राई क्लीनिंग सबसे ज्यादा सिल्क, ऊन और मखमल जैसे नाजुक कपड़ों के लिए होता है। इसके अलावा लिनन और दाग लगे कपड़ों के लिए भी ये मददगार है। लेकिन, हर कपड़े की ड्राई क्लीनिंग से आप बचें। आगे जानते हैं माथा ठंडा कर देगी कानों की ये एक्सरसाइज, 15 दिन में चेहरा भी चमक जाएगा