back walk: बैक वॉक किया है कभी आपने? अगर नहीं तो आपको इसे ट्राई करना चाहिए। दरअसल, ये वो टेक्निक है जिसकी वजह से ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों पर प्रभाव पड़ता है। इसे लोग रेट्रो-वॉकिंग भी कहते हैं क्योंकि इसमें उल्टी दिशा में लोग चलते हैं। ये उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनका पॉश्चर खराब है और इन्हें उन्हें ठीक करने की जरूरत है। इस तरह से पीछे की ओर चलने से टोनिंग के अलावा भी फायदे होते हैं। यह समन्वय को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और आपके वर्कआउट रूटीन को बदलने और अपने दिमाग और शरीर को एक नए तरीके से चुनौती देने का एक शानदार तरीका है। तो आइए जानते हैं बैक वॉक कैसे करें, कितनी देर करें और इसके क्या फायदे हैं।
बैक वॉक कैसे करें-How to do back walk
-बैक वॉक करने का सबसे आसान तरीका है कि आप पहले 5 मिनट तक ट्रेडमिल पर वॉक करें।
-पर अगर आप ट्रेडमिल पर वॉक नहीं करना चाहते तो आप 10 मिनट तक वॉक में उल्टा चलें।
-आपको जगह तय कर लेनी है और टाइमर लगा लेना है।
-कुछ नहीं आपको इस बात का ख्याल रखना है कि आप एक गति से चलें।
-इस दौरान अपने पैरों का ख्याल रखें और फिर ध्यान दें कि आप स्टेबल तरीके से वॉक करें।
पीछे की ओर चलने के क्या फायदे हैं-back walking benefits
कैलोरी बर्न करने में मददगार
पीछे की ओर चलने से संतुलन और समन्वय बढ़ता है, विभिन्न मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और अधिक कैलोरी बर्न होती है। ये मांसपेशियों में जमा फैट को बर्न करने का नया तरीका हो सकता है। नियमित अभ्यास से ये वेट लॉस में तेजी से मदद कर सकता है।
अच्छे फिगर के लिए
ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को सक्रिय करता है और क्वाड्स और कूल्हों को खींचता है। इससे आपकी बॉडी का फिगर मैंटेन होता है और पूरा बॉडी पॉश्चर एक समान रूप से टोन्ड होता है। आपके शरीर के हर हिस्से से फैट बर्न होता है और फिर एक परफेक्ट बॉडी शेप पाने में मदद मिलती है।
पॉश्चर सही होता है
आपने देखा होगा कि डेस्क जॉब करके करते शरीर आगे की ओर झुकने लगता है और आपके कंधों के पास या गले के पास का फैट बढ़ जाता है। ऐसे में बैक वॉक करने से आपके इस खराब पॉश्चर को ठीक करने में मदद मिलती है।