कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स यानी महावारी का समय बेहद ही दर्दनाक होता है। इस दौरान बदन दर्द, पेट और कमर में तेज दर्द से महिलाएं चिड़चिड़ेपन का शिकार हो जाती हैं। आमतौर पर पीरियड्स की साइकिल 21 दिनों की होती है। 21 से 22 दिनों के बाद महिलाओं को 4-5 दिन ब्लीडिंग होती है। हालांकि आज की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी के कारण कई बार महिलाओं की पीरियड्स साइकिल प्रभावित हो जाती है।

मेडकिल टर्म में पीरियड्स की अनियमितता को एबनॉर्मल यूटरिन ब्लीडिंग कहा जाता है, जिसमें साइकिल 21 दिन से पहले रिपीट होना, 8 दिनों तक ब्लीडिंग चलना, पीरियड्स का मिस होना या फिर इस दौरान अधिक दर्द होना शामिल हैं। बता दें, युवास्था के और जब लड़कियां बढ़ती हैं तब भी हार्मोन्स में बदलाव के कारण पीरियड्स की साइकिल प्रभावित होती है।

जो महिलाएं जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज, डाइटिंग आदि करती हैं या फिर जो बेहद ही कमजोर होती हैं, उनकी भी ब्लीडिंग का समय बदल सकता है। कुछ मामलों में तो ब्लीडिंग पूरी तरह रुक भी जाती है। पीरियड्स में अनियमितता को घरेलू उपायों के जरिए भी ठीक किया जा सकता है।

गुड़ और अजवाइन: एक चम्मच गुड़ को पीसकर एक गिलास पानी में मिला लें। फिर इसमें एक चम्मच अजवाइन मिलाकर उसे उबाल लें। सुबह खाली पेट इस ड्रिंक का सेवन करें। इससे पीरियड्स की अनियमित साइकिल सुचारू हो सकती है। साथ ही इस दौरान होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।

दालचीनी: एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर दालचीनी पीरियड्स में अनियमितता की समस्या से छुटकारा दिलाती है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने दूध में चुटकी भर दालचीनी पाउडर मिला लें। इस नुस्खे को नियमित तौर पर अपनाने से पीरियड्स का चक्र भी ठीक हो जाता है।

तुलसी के पत्ते: तुलसी की पत्तियों में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही कैफीन नामक एसिड भी पाया जाता है। यह एसिड पीरियड्स में अनियमितता से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको नियमित तौर पर तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए।

कच्चा पपीता: अनियमित पीरियड्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में कच्चा पपीता बेहद ही कारगर है। इसमें मौजूद आयरन, कौरोटीन, कैल्शियम, विटामिन ए और सी गर्भाश्य की सिकुड़ी हुई मांसपेशियों को फाइबर पहुंचाते हैं। ऐसे में कच्चे पपीते का अधिक सेवन करना चाहिए।