UPSC को लेकर युवाओं में एक अलग तरह का जुनून देखने को मिलता है। हर साल हजारों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सफलता चुनिंदा को मिलती है। यूपीएससी को लेकर कई तरह की धारणाएं भी हैं, जिनमें से अंग्रेजी की अनिवार्यता एक है। ऐसा माना जाता है कि UPSC क्लियर करने के लिए अंग्रेजी आना या अंग्रेजी में तैयारी बहुत जरूरी है। आज हम आपको एक ऐसे IPS अधिकारी की कहानी बताएंगे, जिन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी और लाखों की नौकरी छोड़ सिविल सर्विस में आए।
हिंदी मीडियम से की पढ़ाई: हम आपको IPS सुर्कीति माधव मिश्र की कहानी बता रहे हैं। यूपी के शामली जिले के एसपी सुकीर्ति मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के मलयपुर गांव के रहने वाले। उनके पिता सरकारी स्कूल में अध्यापक थे, अब रिटायर हो चुके हैं। Jansatta.com से बातचीत में अपने सफर पर चर्चा करते हुए सुकीर्ति कहते हैं, एक वक्त ऐसा था जब परिवार के सामने पैसों की तंगी थी। इसलिए मैंने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से की थी। इसके बाद 12वीं के लिए जमुई आ गया था और यहां तक मेरी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम में ही हुई थी।’
सुकीर्ति आगे बताते हैं, ’12वीं के बाद मैंने IIIT भुवनेश्वर से बी.टेक किया और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित NIT से MBA की पढ़ाई की। एमबीए के बाद कैंपस प्लेसमेंट के जरिये कोल इंडिया में सेलेक्शन हो गया। वहां मेरा सालाना 15 लाख रुपए का पैकेज था, लेकिन परिवार शुरुआत से ही चाहता था कि मैं सिविल सेवा में जाऊं। मैं भी एक ऐसी नौकरी करना चाहता था जिससे आम लोगों की मदद कर सकूं। यही वजह थी मैंने UPSC की तैयारी करने का फैसला लिया था।’
नौकरी के साथ करते रहे तैयारी: सुकीर्ति माधव ने नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। वे साल 2014 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए और पहली बार में ही उनका चयन IRS में हो गया। लेकिन उनकी इच्छा IPS बनने की थी। यही वजह थी कि उन्होंने साल 2015 में एक बार फिर एग्जाम देने का फैसला किया। दूसरे प्रयास में उनकी 200 रैंक आई और IPS मिल गया।
कोचिंग नहीं, सेल्फ स्टडी पर भरोसा: सुकीर्ति माधव कहते हैं कि, ‘मैंने बिना किसी कोचिंग के 2 बार यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था। इस एग्जाम के लिए सेल्फ स्टडी सबसे ज्यादा मायने रखती है। जरूरी नहीं है कि किसी कोचिंग में दाखिला ही लें।’
तेज-तर्रार अफसर की है पहचान: साल 2015 में एग्जाम क्लियर करने के बाद सुकीर्ति माधव को उत्तर प्रदेश कैडर मिला था। उनकी पहली पोस्टिंग अंडर ट्रेनी मेरठ में हुई थी। इसके बाद उन्होंने प्रयागराज, लखनऊ, बनारस में भी सेवाएं दीं। अभी वह बतौर एसपी शामली में सेवाएं दे रहे हैं और तमाम चर्चित केसेज का खुलासा कर चुके हैं। सुकीर्ति की शामली में तैनाती के बाद तमाम गैंगस्टर और बदमाशों ने खौफ के चलते खुद-ब-खुद सरेंडर कर दिया।
कामयाबी में परिवार का बड़ा हाथ: सुकीर्ति कहते हैं कि ‘हम लोग अक्सर गांव में IAS-IPS अधिकारियों को देखा करते थे। बचपन से लगता था कि ऐसा अधिकारी बनना है जिससे हम लोगों के लिए कुछ कर सकें। पिता के कहने पर मैंने फैसला किया था कि IPS अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करूंगा। यही वजह है जब मैंने पहली बार UPSC एग्जाम देने का फैसला किया तो परिवार का भी पूरा सपोर्ट मिला। वह कहते हैं कि इस पूरे सफर में मैंने कहीं भी खुद को अकेला नहीं पाया। शायद मेरी कामयाबी की एक बड़ी वजह ये भी है।’