उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी हलचल भी तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनवा के लिए तैयारी कर रही हैं। बीजेपी के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ प्रचार कर रहे हैं। पहले, सियासी गलियारों में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर आशंकाएं लगाई जा रही थीं। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ऐसी सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया। अमित शाह ने साफ कर दिया कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है सीएम योगी आदित्यनाथ ही बनेंगे।

सियासी हलचल के बीच योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। ‘ABP न्यूज़’ से कार्यक्रम में योगी से ताज महल को लेकर सवाल किया गया था, ‘ताज महल को लेकर सवाल करना है, लेकिन आप सवाल सुनने से पहले ही मुस्कुराने लगे। पिछले दिनों आपने कहा कि ये ताज महल को प्रतीक चिन्ह के रूप में देखते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। आपका इस पर क्या कहना है कि आखिर ताज महल भारतीय संस्कृति का प्रतीक चिन्ह है या नहीं?’

इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘आजादी के बाद देश को कहां लेकर जाना चाहते हैं। भारत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करनी चाहिए। भारत की ऋषि परंपरा के खिलाफ हम लोग कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। भारतीयों को गर्व होना चाहिए। हमें रामायण की परंपरा, वेदों और पुराणों की परंपरा पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हम लोग रामायण और श्रीमद् भागवत गीता मानने वाले लोग हैं। लेकिन इस पर गौरव करने की जगह लोग लज्जित महसूस कर रहे हैं तो मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है।’

फकीर हैं तो पहाड़ों में जाकर तपस्या करें: योगी आदित्यनाथ ने इसके जवाब में कहा था, ‘जो लोग ऐसा सवाल करते हैं, इन्हें भारत के संन्यास का मतलब ही नहीं पता है। बुद्ध ज्ञान प्राप्त होने के बाद अपने 46 वर्ष लोक-कल्याण के लिए समर्पित करते हैं। इस देश के अंदर ऋषि परंपरा राष्ट्रीयता के लिए समर्पित रही है। हम भी भारत की राष्ट्रीयता के लिए राजनीति को एक मंच बनाकर लगातार अपना कार्य कर रहे हैं। हम लोग समाज कल्याण के लिए राजनीति के मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं। संत समाज में कभी जाति, पंथ और मजहब के आधार पर भेजभाव नहीं किया जाता।’