उत्तर प्रदेश के कुंडा से लगातार सात बार निर्दलीय विधायक बनकर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नया रिकॉर्ड बनाया था। राजा भैया के परिवार का इस पूरे इलाके में वर्चस्व है। उनके पिता उदय प्रताप सिंह भदरा रियासत के महाराज रहे हैं। साथ ही उदय प्रताप सिंह मुहर्रम पर हर साल हनुमान पाठ करवाते थे और भंडारा भी करते थे। लेकिन साल 2017 से उन्हें ऐसा करने की अनुमति प्रशासन से नहीं मिल रही है।

इसके अलावा उदय प्रताप सिंह को हर साल मुहर्रम के मौके पर उनके महल में नज़रबंद भी कर दिया जाता है। पिछले साल भी उन्हें दो दिन के लिए नज़रबंद कर दिया गया था। उनके साथ 10 अन्य लोगों को भी महल में नज़रबंद कर दिया गया था। हर साल कुंडा के इस इलाके में सुरक्षा भी बढ़ा दी जाती है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया जाता है। प्रशासन को डर था कि इससे सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है।

क्यों नहीं मिलती इजाजत? ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कई साल पहले कुंडा के शेखपुर इलाके में मुहर्रम के दिन बंदर की मौत हो गई थी। गांव के लोगों ने बंदर की याद में एक मंदिर स्थापित किया था, जिसकी पूरी देखरेख राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह की निगरानी में होती है। सिंह का परिवार हर साल मुहर्रम के दिन इसी हनुमान मंदिर में पाठ करवाता और भव्य भंडारे का आयोजन भी करता था।

साल 2015 में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब दोनों समुदाय अपनी-अपनी बातों को लेकर अड़ गए थे। यही वजह थी कि 2015 में तीन दिन बाद मुहर्रम का ताजिया निकाला गया था। मुस्लिम समुदाय ने हाईकोर्ट का रुख किया था और भंडारे को रोकने की गुहार लगाई थी। साल 2016 में आखिरकार इस अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रशासन से सांप्रदायिक माहौल कायम रखने के लिए भंडारे के आयोजन को स्थगित करने के लिए कहा था।

इसके बाद साल 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे और हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवाने के लिए भंडारे का आयोजन नहीं किया जाता है। साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उदय प्रताप सिंह को भी नज़रबंद कर दिया जाता है। पिछले साल राजा भैया के पिता को 29 घंटे के लिए भदरी महल में नज़रबंद किया गया था। प्रशासन ने इसके साथ सड़क पर लगे सभी भगवा झंडों को भी उतारने का आदेश दिया था।