सर्दी में सर्दी जुकाम या फ्लू होना आम बात है जो तकरीबन 5-6 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन सर्दी जुकाम एक लम्बे समय तक रहे तो यह साइनस भी हो सकता है। कुछ लोगों का ज़ुकाम बहता नहीं है और अंदर ही अंदर जमता रहता है, जो कुछ समय बाद साइनस का रूप ले लेता है। साइनस को मेडिकल भाषा में साइनोसाइटिस कहा जाता है। इस बीमारी की वजह से नाक की हड्डी बढ़ने लगती है जिसका उपचार ऑपरेशन करके कराया जाता है।
साइनस के मरीज़ों को सर्दी में ठंडी हवा बेहद नुकसान देती है। ठंडी हवाएं, दवाएं और प्रदूषण इस बीमारी को बढ़ा सकते हैं। साइनस के संक्रमण से साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से साइनस में बलगम भर जाता है। साइनस में बलगम भरने के कारण माथे पर,गालों पर और जबड़ों में दर्द की शिकायत रहती है। सर्दी में आप भी साइनस को सर्दी जुकाम तो नहीं समझते? जानिए इस बीमारी के लक्षण और कैसे करें इसका उपचार।
साइनस के लक्षण: इस बिमारी में नाक में भारीपन महसूस होना, अक्सर बुखार आना, बार-बार खांसी होना, चेहरे और नाक में दर्द होना, जबड़े में सूजन आना, एलर्जी, नाक की हड्डी बढ़ना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
इस बीमारी का कैसे करें उपचार
बाबा रामदेव के मुताबिक इस बीमारी का उपचार योगा द्वारा भी किया जा सकता है। कपालभाती, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम द्वारा इस बीमारी के असर को कम किया जा सकता है। साइनस के मरीज़ डाइट में खजूर, किशमिश, सेब, सोंठ, अजवायन, हींग और लहसुन का सेवन करें।
सुबह खाली पेट आंवला खाएं साइनस से राहत मिलेगी।
सर्दी में हमारी पानी पीने की आदतें भी बदल जाती है इसलिए इस मौसम में आप गर्म पानी जरूर पीएं साइनस से राहत मिलेगी। तुलसी, अदरक और पुदीने का काढ़ा बनाएं और उसका सेवन करें। सब चीज़ों को पानी में मिलाकर उसे उबाले जब पानी आधा रह जाएं तो उसका सेवन करें। इस काढ़े का दिन में दो बार सेवन करने से साइनस से राहत मिलेगी। सर्दी में सर्द हवाओं से बचाव करें और मुंह को मास्क से ढकें।