Top 10 Benefits of Surya Namaskar: आज के समय अधिकतर लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग तनाव से भी परेशान रहते हैं। ऐसे में अगर आप अपने दिन को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आप अपने दिन की शुरुआत योग से कर सकते हैं। वैसे तो योग में कई तरह के आसन होते हैं, लेकिन अगर आप आसान योगासन करना चाहते हैं, तो आप सूर्य नमस्कार कर सकते हैं।

दरअसल, सूर्य नमस्कार सिर्फ एक योग अभ्यास नहीं, बल्कि सेहतमंद जीवन की ओर बढ़ने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। अगर आप लगातार 30 दिनों तक सूर्य नमस्कार करते हैं, तो यह आपके शरीर, मन और आत्मा को एक नई ऊर्जा से भर देता है। हर रोज सूर्य नमस्कार करने से वजन तो घटता ही है, लेकिन इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी आसानी से बढ़ जाती है।

सूर्य नमस्कार क्या है?

सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण अभ्यास है, जिसे करने से शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन हैं, जिन्हें करने से शरीर लचीलापन और ताकतवर बनता है। इसे करने से मानसिक एकाग्रता भी बढ़ती है। सूर्य नमस्कार करने से स्ट्रेचिंग, बैलेंस और सांसों का संतुलन एक साथ हो जाता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको सूर्य नमस्कार करने के 10 बड़े फायदों के बारे में बताएंगे।

सूर्य नमस्कार करने के 10 बड़े फायदे

तेजी से घटता है वजन

सूर्य नमस्कार से आप तेजी से वजन को भी कम करते हैं। यह एक कार्डियो वर्कआउट की तरह काम करता है। एक चक्कर सूर्य नमस्कार करने से करीब 14 कैलोरी बर्न होती हैं। यदि आप प्रतिदिन 12-24 राउंड सूर्य नमस्कार करते हैं, तो आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है और फैट तेजी से बर्न होने लगती है।

शरीर होता है लचीलापन

सूर्य नमस्कार करने से शरीर लचीलापन होता है। इसे करने से रीढ़, कंधे, पीठ, कमर और टांगों में लचीलापन आता है। 30 दिन लगातार अभ्यास करने से शरीर की जकड़न दूर होती है।

जोड़ों को करता है मजबूत

सूर्य नमस्कार करने से शरीर की मांसपेशियां बेहतर होती हैं और जोड़ों का दर्द कम होता है। अगर आप एक माह तक सूर्य नमस्कार को नियमित तौर पर करते हैं, तो आपको कई तरह के अन्य फायदे भी होते हैं। इससे गठिया और जोड़ों के दर्द की संभावना भी कम होती है।

पाचन होता है बेहतर

सूर्य नमस्कार करने से पेट की मांसपेशियों की मालिश होती है। इसे करने से पाचन बेहतर होता है। सूर्य नमस्कार से गैस, अपच और कब्ज से भी राहत मिलती है। 30 दिनों तक सूर्य नमस्कार करने से पाचन बेहतर होता है।

मानसिक तनाव होता है कम

आज के समय में अधिकतर लोग मानसिक तनाव से ग्रसित रहते हैं। ऐसे में सूर्य नमस्कार काफी बेहतर साबित हो सकता है। यह तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करता है। इसमें श्वास पर ध्यान केंद्रित करना होता है। लगातार तीस दिनों तक इस योगासन को करने से मन शांत होता है।

त्वचा पर आता है निखार

अगर आप नियमित तौर पर हर रोज सूर्य नमस्कार करते हैं, तो इससे त्वचा पर भी निखार आता है। इसको करने से ब्लड का फ्लो बेहतर होता है, जिससे चेहरे पर चमक आती है। यह त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करता है। इसको करने से मुंहासों और झुर्रियों से भी राहत मिलती है।

फोकस बढ़ाने के लिए करें सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार करने से फोकस बढ़ता है। अगर आप छात्र हैं या फिर ऑफिस में काम करते हैं, तो आपको सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए। इससे मानसिक स्पष्टता और फोकस बढ़ता है। इसको करने से दिमाग शांत होता है, जिससे आप अच्छी तरह से फोकस के साथ पढ़ाई कर सकते हैं।

महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार

महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार काफी बेहतर होता है। यह हार्मोन को बैलेंस करता है। मासिक धर्म की अनियमितताएं हों या फिर पीरियड्स के दौरान दर्द, अगर आप हर रोज सूर्य नमस्कार करती हैं, तो आपको काफी लाभ मिलेगा।

शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए है बेहतर

लगातार तीस दिनों तक सूर्य नमस्कार करने से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है। इसको करने से शरीर के एंडोक्राइन ग्लैंड्स सक्रिय होते हैं।

सूर्य नमस्कार करने का क्या है सही समय?

सूर्य नमस्कार करने का सबसे सही समय सूर्य के उदय के साथ है। । इसके बाद आप शाम में शांति से आरामदायक समय में भी कर सकते हैं।

सुबह 6:00 – 8:00 के बीच ऊर्जा, लचीलेपन और कंस्ट्रक्शन बढ़ाने के लिए योग करें।

दोपहर में 4:00 से शाम 6:00 बजे तक योग करें। यह तनाव को कम करने के साथ ब्लड सर्कुलेशन को तेज करने में मददगार है।

योग या वर्कआउट से पहले: लचीलेपन, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और चोटों को रोकने के लिए सूर्य नमस्कार के साथ वार्म-अप करें।

कैसे करें सूर्य नमस्कार?

सूर्य नमस्कार को घर पर आसानी से किया जा सकता है। यह 12 आसनों का एक क्रम है।

  • नमस्कार मुद्रा/प्रणामासन- इसमें सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को जोड़ लें।
  • हस्त उत्तानासन आसन- इस आसन में अब आप दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
  • पादहस्तासन- पादहस्तासन में सांस छोड़ते हुए झुककर अपने पैरों को छूएं।
  • अश्व संचालनासन- इस आसन में अपने दाहिने पैर को पीछे ले और बाएं पैर को आगे ले आएं।
  • दंडासन- इस आसन को प्लैंक पोज भी कहा जाता है। इसमें दोनों पैरों को पीछे लें और प्लैंक करें।
  • अष्टांग नमस्कार- अब आप अष्टांग नमस्कार करें। इसमें अपने घुटने, छाती और ठोड़ी को जमीन पर टिकाएं।
  • भुजंगासन- अब छाती को उठाकर कोबरा मुद्रा बनाएं।
  • पर्वतासन- इस पोज में आप अपने शरीर के बीच वाले हिस्से को ऊपर उठाएं। यानी इस पोज में शरीर को उल्टे वी के आकार में बनाएं।
  • अश्व संचालनासन- अब आप इस पोज में बायां पैर पीछे करें और दायां पैर आगे करें।
  • पादहस्तासन- आप अब इसमें झुककर अपने पैर को छूएं।
  • हस्त उत्तानासन- इस आसन में सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
  • प्रणामासन- सूर्य नमस्कार का आखिरी आसन प्रणामासन है, जो वापस नमस्कार मुद्रा में आएं।