अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह से लेकर नरेन्द्र मोदी की सरकार में मंत्री रह चुके बिहार के दिग्गज नेता रामविलास पासवान का पिछले दिनों निधन हो गया। रामविलास पासवान को भारतीय राजनीति का ‘मौसम वैज्ञानिक’ भी कहा जाता था। इसकी एक वजह ये भी थी कि केंद्र में चाहे किसी की भी सरकार हो, रामविलास पासवान उसके हो लेते थे। पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से जब यह पूछा गया था कि लोग कहते हैं कि जिसकी सरकार आने के चांस होते हैं रामविलास जी उसके साथ ही जुड़ हो जाते हैं?

द लल्लनटॉप को द्वारा पूछे गए इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा था ‘जहां सरकार बनती है, वहां हम होते हैं ऐसा नहीं है। बल्कि जिनके साथ हम होते हैं उनकी ही सरकार बनती है। चाहे इसे आप शुभ संकेत मान लीजिए या अच्छा शगुन मान लीजिए। चिराग ने आगे कहा था, आप रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए पिताजी (राम विलास पासवान) और लोक जनशक्ति पार्टी ने कभी चुनाव के बाद गठबंधन नहीं किया। हां…यह शुभ संकेत जरूर है जिनके साथ हम होते हैं उनकी ही सरकार बनती है।

चाहे 2004 में हमारे एनडीए छोड़ने के बाद मनमोहन सिंह की सरकार हो या 2014 में यूपीए छोड़ने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार। इस दौरान चिराग पासवान ने एक हास्य कवि की बात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा एक हास्य कवि ने कहा है अगर मंगल पर भी सरकार बने तो उसमें भी रामविलास पासवान मंत्री होंगे।

बेटे की सलाह पर छोड़ा था UPA: राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले रामविलास पासवान ने 2014 में अपने बेटे चिराग पासवान की सलाह पर यूपीए छोड़कर एनडीए का दामन थामा था। इस सवाल पर कि 2014 में यूपीए क्यों छोड़ा था ? चिराग पासवान ने कहा था,  2014 में यूपीए छोड़ने के लिए मेरा भी पिताजी (राम विलास पासवान) पर दवाब था। क्योंकि उस समय देश में अलग माहौल नजर आ रहा था।

एक ऐसा नेता था जो देश के विकास की बात कर रहा था। उन दिनों मैं नरेंद्र मोदी से पर्सनली भी बहुत प्रभावित था‌। चिराग पासवान ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में यूपीए गठबंधन में सीटों को लेकर अस्पष्टता की स्थिति को भी एनडीए में शामिल होने का एक कारण बताया था।