International Yoga Week 2020: नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में डिसेबलिटी के प्रमुख कारणों में माइग्रेन 7वें स्थान पर है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है जिसमें सिर में तेज दर्द होता है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द सिर के आधे हिस्से में ही होता है जो 2 घंटे से लेकर 2 दिनों से ज्यादा ठहर सकता है। हालांकि, माइग्रेन के इलाज के लिए डॉक्टर्स कई दवाइयां खाने की सलाह दे सकते हैं लेकिन दवाइयों के साथ ही योग भी इस बीमारी के असर को कम करने में कारगर है। “आर्ट ऑफ लिविंग” की एक खबर की मानें तो अलग-अलग तरह के कई योगासन माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हैं।

हस्तापदासन: इस योगासन में सीधे खड़े होकर सामने की तरफ झुकना होता है। इस तरह आगे की तरफ झुकने से शरीर में ब्लड का संचार बेहतर तरीके से होता है जिससे नर्वस सिस्टम को मजबूती मिलती है। इसके अलावा हस्तापदासन योग करने से मस्तिष्क भी शांत रहता है। ये योग करने से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।

सेतु बंधासन: इस योगासन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है। इस योग को करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। इसमें शरीर का ज्यादा भार सिर पर ही रहता है। सेतु बंधासन में सिर के बल लोग सीधे लेट जाते हैं और अपने शरीर के बाकी के हिस्सों को सिर और पैर के बल  उठा लेते हैं। कंधे से लेकर एड़ी से ऊपर तक के सभी अंग इस योग में जमीन के संपर्क में नहीं रहते। ये योग करने से दिमाग को शांति मिलती है और एंजायटी को घटाने में भी मदद मिलती है।

शिशु आसन: शिशु आसन भी माइग्रेन को कम करने में कारगर है। इसे करने से नर्वस सिस्टम काफी शांत हो जाता है। साथ ही साथ ये योगासन करने से सिर दर्द भी कम होता है। इसमें घुटने के बल बैठकर सिर को नीचे झुकाना होता है और दोनों हाथों को पैरों के बगल में रखें।

शवासन: शवासन को कॉर्प्स पोज भी कहा जाता है। इस योग को करना बेहद आसान है, आपको केवल पीठ के बल सीधे लेटने की जरूरत है। ये योग शरीर की थकान को दूर करने के साथ ही मस्तिष्क को ध्यान की स्थिति में ले जाता है जिससे दिमाग को पूरी तरह से आराम और शांति मिलती है। लोग इस योग को अपने योग सेशन के आखिरी में कर सकते हैं। 2 से 3 मिनट शवासन करने से आप अच्छा महसूस करेंगे, साथ ही इससे माइग्रेन का दर्द भी कम होता है।