बरसात का मौसम गर्मी से तो राहत देता है लेकिन कई तरह की परेशानियां बढ़ा देता है। इस मौसम में कीड़े मकोड़े और कई तरह के फंगस का प्रकोप बढ़ने लगता है। खाने-पीने की चीजों पर बारिश का असर सबसे ज्यादा होता है। किचन में मौजूद दालों और मसालों में सीलन आने लगती है। सीलन होने से घुन लगने का खतरा दोगुना हो जाता है। इस मौसम में अनाज बंद डिब्बों में ही सड़ने लगता है। बारिश के मौसम में अनाज और मसालों में नमी होने पर कीड़े, कीट, बैक्टीरिया और कवक का हमला बढ़ने लगता है।

इस मौसम में अगर किचन के डिब्बों में अनाज को स्टोर कर रहे हैं तो कुछ खास टिप्स को अपनाएं आपके मसालें और दालें लम्बे समय तक सुरक्षित रहेंगी। आइए जानते हैं कि किचन में मौजूद अनाज को बारिश में कैसे स्टोर करें कि वो लम्बे समय तक सीलन और कीड़ों से महफूज़ रहे।

अनाज और मसालों को बारिश में कैसे रखें सुरक्षित

  • अनाज अगर स्टोर कर रही हैं तो उसे डिब्बों में स्टोर करने से पहले सुखा लें ताकि उनमें नमी कम हो जाए। अनाज में अगर नमी रहेगी तो कीड़े, कीट,बैक्टीरिया और कवक के हमले का खतरा बना रहेगा।
  • गेहूं,दाल और चावल को अगर डिब्बों में स्टोर कर रही हैं तो सबसे पहले डिब्बों को सूखे कपड़े से पोंछकर सुखा लें। डिब्बे सूखे रहेंगे तो उसमें नमी आने का खतरा नहीं रहेगा।
  • अनाज और दालों को स्टोर कर रहे हैं तो घुन से बचाने के लिए उसमें नीम की पत्तियां डाल दें। नीम की पत्तियां घुन से बचाएंगी और आपके अनाज को सुरक्षित रखेंगी। नीम की पत्तियों से कवक और कीड़े पनपने का खतरा नहीं रहेगा।
  • बरसात में मसालों के डिब्बों में सीलन आने लगती है और मसाले चिपचिपे दिखने लगते हैं। मसालों को सीलन से बचाना चाहते हैं तो उन्हें एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें। एयर टाइट कंटेनर में फंगस या कीड़े पहुंचने का खतरा नहीं होता और मसाले सेफ रहते हैं।
  • इस मौसम में आटे और बेसम में कीड़े तेजी से आते हैं। आटे और बेसन को कीड़ों से बचाने के लिए आप उसमें 4-5 साबुत लाल मिर्च डाल दें। लाल मिर्च डालने से आटा कीड़ों,सीलन और फंगस से महफूस रहेगा।
  • सूजी में भी कीड़े आने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। ऐसे में सूजी को स्टोर करने से पहले उसे कढ़ाई में सूखा भून लें फिर उसे टाइट कंटेनर में स्टोर करें। सूजी को कीड़ों से बचाने के लिए उसमें 8-10 लौंग भी रख सकती हैं।