अधिकतर लोग अपने दिन की बेहतर शुरुआत चाहते हैं। वे अपने दिमाग और शरीर को पूरे दिन के कार्यों के लिए तैयार करना चाहते हैं ताकि ज्यादा प्रभावपूर्ण तरीके से सभी कार्यों को किया जा सके। हालांकि वक्त की कमी के कारण वे ऐसा कर पाने में असमर्थ रहते हैं। आज हम बता रहे हैं कि कैसे सुबह 10 मिनट खुद को देकर पूरे दिन ऊर्जावान बने रह सकते हैं। इसके लिए दिनचर्या में थोड़ा सा परिवर्तन करना होगा।

पानी पीना (एक मिनट) : हर आपको सुबह-सुबह कॉफी या चाय पीने की आदत है तो इसे तुरंत बदल दीजिए। अब से सुबह उठकर सबसे पहले पानी पीने की आदत डालिए। पानी हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है, यह इस बात से साबित होता है कि मानव शरीर में 55 से 60 फीसद तक पानी होता है। अगर शरीर में पानी की कमी होती है तो उससे न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं। हम बड़े अंतराल के बाद सुबह उठते हैं और उस समय हम सबसे ज्यादा जरूरत पानी की ही होती है इसलिए सुबह उठने के बाद सबसे पहला काम पानी पीने का करना चाहिए। इससे एसिडिटी और पेट जलने की समस्या से तो छुटकारा मिलेगा।

गहरी सांस के व्यायाम (1-2 मिनट) : पानी की तरह ही हमारे शरीर के लिए हवा यानी हमारी सांसें भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। हमारे फेफड़े 24 घंटे सांस लेने और छोड़ने का काम करते हैं। हम हर सुबह एक से दो मिनट लंबी और गहरी सांस लेकर फेफड़ों को आराम देना चाहिए। कुछ शोध बताते हैं कि यह प्रक्रिया तनाव व चिंता को कम करती है, ऊर्जा को बढ़ती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है। इतना ही नहीं इससे ध्यान लगाने की शक्ति में भी विस्तार होता है। इसके लिए आपको अपने बिस्तर या जमीन पर कुछ बिछाकर लेटना है और घुटनों को मोड़ कर रखना है। अपने हाथों को पसलियों पर रखना है और सांसों के आने-जाने को हाथों से महसूस करना है।

हल्का शारीरिक व्यायाम (2-3 मिनट) : सांसों के व्यायाम के बाद हल्का शारीरिक व्यायाम भी बहुत आवश्यक है। इससे शरीर की मांसपेशियों सक्रिय करने में सहायता मिलती है। जोड़ों को भी इससे फायदा होता है। इससे दिमाग और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बढ़ावा मिलता है। इसके लिए आप कमर, हाथों, कंधों, पैरों, गर्दन आदि के व्यायाम कर सकते हैं। इन व्यायामों में दो से तीन मिनट का ही समय लगेगा।

धन्यवाद दीजिए (3 मिनट) : हमारे पास जो कुछ भी है जब हम उसके लिए अपनों और भगवान को धन्यवाद देते हैं तो इससे हमारी चिंताएं तो कम होती ही हैं साथ ही हमारे रिश्ते भी बेहतर होते हैं। कोशिश करें कि इन तीन मिनटों के दौरान एक ऐसी चीज के बारे में लिखें जिसके लिए आप भगवान के शुक्रगुजार हैं। यह अनुभूति एक अच्छी नींद या दोस्तों के साथ बेहतर समय व्यतीत करने जैसी होती है।

दिन की सफलता की कल्पना करना (1-2 मिनट) : अंत में आपको अपने दिन के सफलत होने की कल्पना करनी है। इससे आप जहां भी जाएंगे पूरे आत्मविश्वास के साथ जाएंगे। सबसे पहले दिन के लक्ष्यों के बारे में सोचें तो कल्पना करें कि ये सभी सफलता पूर्वक पा लिए गए हैं। इस तरह आप अपने दिमाग में पूरे दिन के कार्यों का खाका खींच पाएंगे।

युवा शक्ति डेस्क