हमारी जीवनशैली और खान-पान की आदतें हमारे स्वास्थ्य को निर्धारित करने और एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। लेकिन कम नींद लेने और तनाव के कारण, कई चीजें बिगड़ जाती हैं। इस समस्या को समझने से पहले हम, राहत पाने के लिए लिए एंटासिड का सेवन करने लगते है।
आयुर्वेद अक्सर एक बात कहता है कि आप जो कुछ भी खाते हैं वह शरीर में मौजूद एक अग्नि को समर्पित हो जाता है। अब अगर आप अच्छा कुछ खाते हैं तो इससे आपकी पाचन क्रिया तो बेहतर होती ही है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ दीक्सा भावसार के मुताबिक नियमित रूप से एंटासिड का सेवन करने से “बहुत सारे दुष्प्रभाव” हो सकते हैं। उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एसिडिटी और अपच को रोकने के लिए उपयोगी उपायों को साझा किया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी के इलाज की दिशा में पहला कदम बीमारी को रोकना होता है। जैसा कि अक्सर कहा जाता है ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है।’
डॉ भवसार द्वार सुझाए गए आयुर्वेदिक उपचार :
• भोजन में अत्यधिक मसालेदार, खट्टा, नमकीन, फर्मेंटेड, तला हुआ और फास्ट फूड जैसी चीजों से बचें। ताज़े फलों और सब्जियों से भरपूर एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेने की कोशिश करें।
• भोजन करते समय भूख से अधिक न खाएं। खानें के दौरान छोटे हिस्से में खाना परोसें और उसके अनुसार मात्रा को नियंत्रित करने का प्रयास करें। खट्टे फलों से दूर रहने की कोशिश करें।
• अगर एसिडिटी की समस्या हो तो ज्यादा देर तक भूखे न रहें। विशेष रूप से दोपहर का भोजन न छोड़ें। असमय और अनियमित खाने से बचें और रात का खाना जल्दी लेने की कोशिश करें।
• अत्यधिक मात्रा में लहसुन, नमक, तेल, मिर्च आदि वाले खाद्य पदार्थों से बचें। नॉनवेज फूड्स से दूरी बनाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
• खाना खाने के तुरंत बाद और तुरंत बिस्तर पर जाने से बचें। सोने के दौरान कोशिश करें कि बाएं करवट होकर लेटें।
• धूम्रपान, शराब, चाय, कॉफी और एस्पिरिन जैसी दवाओं से बचें और तनाव से दूर रहें।
डॉ. भावसार ने अपच और एसिडिटी को रोकने के लिए कुछ आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों के साथ अपनी आदतों में भी बदलाव करने का भी सुझाव दिया। जैसे कि-
• धनिया पानी पीयें।
• भोजन के बाद आधा चम्मच सौंफ चबाएं।
• सुबह सबसे पहले नारियल पानी पीयें।
• दोपहर में सौंफ का शरबत (रस) पीयें। मिठास के लिए आप इसमें चीनी या मिश्री मिला सकते हैं।
• किशमिश को रात भर पसानी में भिगो दें और अगली सुबह खाली पेट वह पानी पी लें।
• रात को सोते समय 1 चम्मच गाय के घी के साथ गुनगुना दूध लें।
• गुलाब जल और पुदीने का पानी पीयें, यह पेट को ठंडा करने के साथ-साथ पाचन प्रक्रिया में भी मदद करेगा।
• मौसमी फल जैसे मीठे अनार, केला, दम किया हुआ सेब, आलूबुखारा, किशमिश, खुबानी, नारियल आदि खाएं।