Baba Ramdev and Acharya Balkrishna Friendship: पूरे विश्व में योग को प्रसिद्धि और लोकप्रियता दिलाने में बाबा रामदेव का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यही कारण है कि पतंजलि योगपीठ के संस्थापक योग गुरु बाबा रामदेव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं रह गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार रामदेव अपने बिजनेस पार्टनर आचार्य बालकृष्ण को ‘अध्यात्मिक दोस्त’  के नाम से पुकारते हैं। बता दें कि इन दोनों की दोस्ती लगभग 30 साल पहले हुई थी।

हरियाणा राज्य के महिंदरगढ़ जिले के एक छोटे से गांव सैद अलीपुर से ताल्लुक रखने वाले बाबा रामदेव का असली नाम राम किशन यादव है। रामनिवास और गुलाब देवी के घर जन्में रामदेव का बचपन से ही योग में दिलचस्पी थी। इसलिए वैदिक शिक्षा के प्रति उनका रुझान बढ़ने लगा। कम उम्र में ही वो अपने घर से भाग गए ताकि गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण कर सकें। कई जगहों से असफलता हाथ लगने के बाद हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में वहां की शिक्षा पद्धति से शिक्षा हासिल की।

1990 में हुई थी मुलाकात: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुलाकात साल 1990 में गुरुकुल में हुई थी। पढ़ाई के दौरान ही दोनों के बीच दोस्ती हुई, हालांकि, इसके बाद स्वामी रामदेव इसी गुरुकुल में शिक्षक बन गए और बालकृष्ण अध्ययन के लिए काशी चले गए। इसके उपरांत हरिद्वार में पुनः दोनों की मुलाकात हुई और पुरानी पहचान पार्टनरशिप में बदल गई।

साथ में की साधना: योग व अध्यात्म पर अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से इन दोनों ही मित्रों ने कई जगहों पर साथ में भ्रमण भी किया। गंगोत्री-हिमालय हो या हरिद्वार, दोनों ने कई महीनों तक एक साथ साधना की। इसके बाद अपने अध्यात्मिक कार्यों को पूरा करने हेतु हरिद्वार को चुना।

1994 में हुई बिजनेस की शुरुआत: पतंजलि की स्थापना से पहले दोनों ने मिलकर हरिद्वार के ही कृपालु आश्रम में साल 1994 में एक चैरिटेबल ट्रस्ट स्थापित किया था। यहां योग कैम्प लगाने के साथ ही लोगों का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से मुफ्त में किया जाता था। साल 2001 में अध्यात्मिक चैनल संस्कार टीवी पर बाबा रामदेव का एक कार्यक्रम प्रसारित होने लगा। 22 मिनट के इस कार्यक्रम में रामदेव योग करने के तरीके व उसके फायदों को बताते थे। धीरी-धीरे यहीं से उन्हें पहचान मिलने लगी।

पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने साल 2006 में हरिद्वार में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की। तब से अब तक में पतंजलि ने काफी अच्छा व्यवसाय किया है जिसमें बाबा रामदेव की लोकप्रियता, आचार्य बालकृष्ण की मेहनत और उन दोनों की अटूट दोस्ती का बहुत बड़ा हाथ है।