महागुरु गौरव मित्तल- आज 27 मार्च 2017 सोमवार को सुबह 10:45 से मंगलवार 28 मार्च को सुबह 08:26 तक सोमवती अमावस्या है। आइये जानते है कि सोमवती अमावस्या क्या होती है एवं इसका पूजा विधान क्या है:

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में एक अथवा दो ही बार पड़ती है। सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्व है। इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गोदान का फल होता है। इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है। इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।

पूजा विधि:

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गुगल, ७. गुड़, ८. देशी कपूर, गौ चंदन या कण्डा…

विधि: गौ चंदन या कण्डें को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।

आहुति मंत्र
१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

महागुरु गौरव मित्तल