Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। यह त्योहार नए साल का पहला त्योहार भी होता है। ऐसे में लोग इस दिन स्नान और दान भी करते हैं। मकर संक्रांति के दिन अन्न, तिल, गुड़, कपड़े, और पैसे दान करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हालांकि, इस दिन एक और परंपरा सदियों से चली आ रही है और वह है पतंगबाजी की परंपरा। इस दिन लोग जमकर पतंग उड़ाते हैं।

मकर संक्रांति का है विशेष महत्व

कृषि, परंपराओं और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, गजक, रेवड़ी खिचड़ी खाने और बांटने की भी विशेष महत्व है। हालांकि, इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है और पतंगबाजी करते समय किन-किन खास बातों का ध्यान रखनी चाहिए।

मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के लोग कई कहानियां है, जिसमें से एक यह भी है कि पतंग उड़ाने की शुरुआत भगवान राम ने शुरू की थी। उन्होंने मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाया था और यह पतंग उड़ते-उड़ते इंद्रलोक चली गई थी। भगवान राम द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को  लोग निभाते आए हैं। आज भी लोग बड़े पैमाने पर पतंग उड़ाते हैं।

पतंगबाजी करने से स्वास्थ्य होता है बेहतर

सामान्य तौर पर पतंगबाजी लोग खुले आसमान में करते हैं या फिर छत पर जाकर पतंग उड़ाते हैं। दरअसल, मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं और सर्दी के मौसम में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है। ऐसे में पतंग उड़ाते समय शरीर में धूप लगती है, जिससे शरीर को विटामिन डी मिलता है और सर्दियों में होने वाली बीमारियां कम होती है।

परिवार और समाज से है कनेक्शन

पतंगबाजी परिवार और दोस्तों के साथ किया जाता है। इससे एक दूसरे के बीच सद्भाव और प्यार बढ़ता है। इस दिन परिवार और आस-पास के लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं और उत्सव मनाते हैं। कई लोग तो पतंगबाजी करते समय एक दूसरे की पतंग काटते भी हैं। मकर संक्रांति पर मौसम सुहाना होता है, जो पतंगबाजी करने के सबसे बेस्ट समय होता है।

इन राज्यों में बड़े पैमाने पर होती है पतंगबाजी

मकर संक्रांति के मौके पर पतंग उड़ाने का चलन काफी लोकप्रिय है। वैसे तो देश के की हिस्सों में पतंग उड़ाने का चलन है। हालांकि, इसको गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर और बड़े उत्साह के साथ पतंग उड़ाया जाता है। इस दिन आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे देखने को मिलती हैं, जो काफी आकर्षक लगती हैं। इस दिन आसमान में चारों ओर पतंगे ही पतंगे ही नजर आती हैं।

उत्साह के साथ बच्चे उड़ाते हैं पतंग

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना आनंद, विजय और उन्नति के प्रतीक के रूप में दर्शाता है। इस दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी पतंगबाजी करते हैं। इसको शुभ संकेत के रूप में भी देखा जाता है। पतंग उड़ाने से दिल और दिमाग संतुलन बना रहता है और पतंग उड़ाने से दिल को खुशी मिलती है। इस दिन कई जगहों पर पतंग उत्सव का भी आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं और पतंगबाजी करते हैं।

पतंग उड़ाते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

पतंग उड़ाते समय मजा और रोमांच दोनों का एहसास होता है। हालांकि, पतंगबाजी करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण का भी विशेष ध्यान देना चाहिए। कई बार तो कुछ मामूली असावधानी से बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कई बार इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो जाता है।

पतंग उड़ाते समय किन बातों का रखें ध्यान?

  • पतंग उड़ाते समय खुली जगह का ही चयन करें। आप पतंगबाजी करने के लिए मैदान, पार्क, या छत पर जा सकते हैं। हालांकि, छत पर जाते समय खास ध्यान इस बात का रखें कि छत चारों तरह से खुल न हो और प्रॉपर तरीके से इसके चारों ओर रेलिंग लगी हो।
  • पतंग उड़ाते समय बिजली की तारों और खंभों से दूरी बनाकर रहना चहिए। कई बार पतंग उड़ते-उड़ते हाई वोल्टेज तारों से जा टकराती है, ऐसे में करंट लगने का खतरा सबसे अधिक हो सकता है। इस दौरान जान भी जा सकती है।
  • कभी भी सड़क या फिर सड़क के किनारे पतंग नहीं उड़ाना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
  • पतंगबाजी के लिए सही मांझे का चयन करना चाहिए। अगर आप भी पतंग उड़ाने का प्लान कर रहे हैं तो धातु युक्त, सिंथेटिक या फिर कांच वाले चाइनीज मांझे का उपयोग बिल्कुल न करें। यह इंसानों के साथ-साथ पक्षियों के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
  • आप पतंग उड़ाने के लिए जैविक डोरी का उपयोग कर सकते हैं। इससे पक्षियों और पर्यावरण को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
  • पतंगबाजी करते समय आप अपने हाथों में तेल या फिर ग्लव्स का उपयोग करना न भूले। इसका उपयोग करने से धागे से हाथ नहीं कटता है और सुरक्षित तरीके से पतंगबाजी का आनंद ले सकते हैं।
  • इस दिन पतंग दोपहर के समय में ही उड़ाएं, दरअसल, सुबह और शाम के समय पक्षियों का आवगमन अधिक होता है, ऐसे में इस दिन पक्षियों का ध्यान भी रखें। 

इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल 2025 कब और कहां शुरू हो रहा है?

पतंगबाजी के लिए गुजरात सबसे फेमस है। इस दिन राज्य के अलग-अलग हिस्सों में इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल (International Kite Festival 2025) का आयोजन होता है। इस साल गुजरात में 11 से 14 जनवरी तक  इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल 2025 का आयोजन हो रहा है।  मुख्य तौर पर गुजरात के अहमदाबाद, कच्छ, सूरत, सापूतारा, राजकोट, पोरबंदर, गांधीधाम, अमरेली, खंभालिया आदि जगहों पर इसका बड़े पैमाने पर आयोजन होता है। अगे पढ़िएःमकर संक्रांति पर अपने घर की चौखट पर बनाएं ये बेहतरीन रंगोली